पाकिस्तान की लीडरशिप इन दिनों युद्ध को लेकर बेहद आक्रामक तेवर दिखा रही है. 1 मई को पाकिस्तानी आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर ने तिल्ला फील्ड फायरिंग रेंज में टैंक पर खड़े होकर बयान दिया कि भारत की किसी भी सैन्य हिमाकत का तुरंत और उससे भी बड़ा जवाब दिया जाएगा. इससे पहले पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने यह दावा किया था कि उनके पास पुख्ता खुफिया जानकारी है कि भारत जल्द हमला करने वाला है. पाकिस्तान के इन बयानों से एक स्पष्ट संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि वह किसी भी टकराव के लिए तैयार है. लेकि,न सवाल यह है कि क्या पाकिस्तान वास्तव में इतने मजबूत सैन्य आधार पर खड़ा है जितना वह दावा कर रहा है?
पाकिस्तान के फाइटर जेट्स
सबसे पहले बात पाकिस्तान के फाइटर जेट्स की. 2021 में चीन से खरीदे गए J-10C लड़ाकू विमान फिलहाल पाकिस्तान की वायुसेना की शान माने जा रहे हैं. अभी तक पाकिस्तान को ऐसे 20 विमान मिल चुके हैं. इन्हें भारत के खिलाफ "गेम चेंजर" बताया जा रहा है. हालांकि, जब इनका मुकाबला भारत के तेजस से किया जाए तो तस्वीर बदल जाती है. तेजस भारत में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा निर्मित है और तकनीकी रूप से JF-17 और J-10C दोनों से अधिक सक्षम माना जाता है. तेजस की उड़ान सीमा, हथियार प्रणाली और मल्टी-मोड रडार जैसी क्षमताएं इसे कहीं ज्यादा प्रभावी बनाती हैं.
पाकिस्तान का एयर डिफेंस
एयर डिफेंस सिस्टम की बात करें तो पाकिस्तान ने चीन से HQ-9 सिस्टम खरीदा है, जो 125 किलोमीटर तक हवा में मार करने में सक्षम है. इसे कराची में तैनात किया गया है ताकि भारत के राफेल, सुखोई या ब्रह्मोस हमलों से बचाव किया जा सके. लेकिन, भारत का S-400 सिस्टम रूस से खरीदा गया है और यह दुनिया के सबसे आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम्स में शामिल है. इसकी मारक क्षमता 400 किलोमीटर तक है और यह स्टील्थ एयरक्राफ्ट्स तक को पहचानकर नष्ट कर सकता है. इसके मुकाबले HQ-9 पुराना और सीमित दायरे वाला सिस्टम है.
पाकिस्तान के तोपखाने
तोपखाने की तुलना में पाकिस्तान के पास SH-15 होवित्जर तोपें हैं, जो चीन से आयातित हैं और इन्हें तेज गति से हमला कर हटने की रणनीति के तहत प्रयोग किया जा सकता है. वहीं भारत के पास K9 वज्र जैसी एडवांस होवित्जर तोपें हैं जिन्हें दक्षिण कोरिया की तकनीक के साथ भारत में ही विकसित किया गया है. ये न सिर्फ रेगिस्तान में बल्कि लद्दाख जैसे बर्फीले इलाकों में भी इस्तेमाल के लिए तैयार की जा रही हैं. एक मिनट में छह से आठ गोले दागने की क्षमता वाली K9 वज्र पाकिस्तान की किसी भी तोप से ज्यादा ताकतवर और आधुनिक है.
पाकिस्तान के ड्रोन
ड्रोन तकनीक की बात करें तो पाकिस्तान ने चीन से CH-4 ड्रोन खरीदे हैं, जो निगरानी और सटीक हमले में सक्षम हैं. लेकिन, भारत ने हाल ही में अमेरिका से MQ-9B प्रीडेटर ड्रोन का सौदा किया है. यह ड्रोन 11 हजार किलोमीटर से ज्यादा की रेंज में उड़ान भर सकता है और इसमें शक्तिशाली हथियारों का पेलोड ले जाने की क्षमता है. हेलफायर मिसाइल और एडवांस सेंसर सिस्टम से लैस यह ड्रोन पाकिस्तान के किसी भी ड्रोन से काफी आगे है.
कुल मिलाकर पाकिस्तान जिन हथियारों के दम पर भारत को चेतावनी दे रहा है, वे ज्यादा पुराने, सीमित रेंज और तकनीकी रूप से पिछड़े हैं. इसके मुकाबले भारत के पास अधिक आधुनिक, उन्नत और व्यापक सैन्य ताकत है. फर्क सिर्फ हथियारों में नहीं, रणनीति और धैर्य में भी है. भारत जहां सामरिक चुप्पी और तैयारी के साथ चल रहा है, वहीं पाकिस्तान बार-बार आक्रामक बयान देकर खुद को ही उलझा रहा है.
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