नई दिल्लीः भारत द्वारा आतंकवाद के खिलाफ की गई निर्णायक सैन्य कार्रवाई—ऑपरेशन सिंदूर—ने दक्षिण एशिया में नई कूटनीतिक और सैन्य हलचल पैदा कर दी है. 6-7 मई को भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान के भीतर मौजूद आतंकी ठिकानों पर निशाना साधते हुए 9 हमले किए. यह ऑपरेशन न केवल सफल रहा बल्कि भारत ने स्पष्ट किया कि उसका मकसद केवल आतंक के अड्डों को खत्म करना था, आम नागरिकों या पाकिस्तानी सेना को नहीं.
लेकिन, इस कार्रवाई ने पाकिस्तान को अंदर तक झकझोर दिया है. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की तरफ से जवाबी कार्रवाई की चेतावनी के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच पूर्ण युद्ध की आशंका गहराने लगी है.
क्या ऑपरेशन सिंदूर पार्ट-2 होगा?
अगर पाकिस्तान भारत पर कोई सैन्य हमला करता है, तो सवाल उठता है कि क्या भारत ऑपरेशन सिंदूर पार्ट-2 की ओर बढ़ेगा? भारत ने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया है कि उसकी कार्रवाइयां आतंकवाद के खिलाफ हैं, किसी राष्ट्र के खिलाफ नहीं. लेकिन, अगर पाकिस्तान की ओर से हमला हुआ—खासकर नागरिकों या सेना को निशाना बनाकर—तो भारत की प्रतिक्रिया निश्चित और निर्णायक होगी.
पाकिस्तान का संभावित जवाब: सीमाओं पर तनाव
पाकिस्तान अपनी वायुसेना का इस्तेमाल प्राथमिक रूप से कर सकता है क्योंकि उसकी नौसेना कमजोर है और थलसेना के लिए सीमा पार कर हमला करना जोखिम भरा हो सकता है. पाकिस्तानी F-16 और JF-17 जैसे लड़ाकू विमान भारत के सैन्य अड्डों के पास "एरियल प्रॉवोकेशन" कर सकते हैं. इसका जवाब भारत राफेल और Su-30 MKI जैसे विमानों, AWACS निगरानी, और S-400 वायु रक्षा प्रणाली के जरिए दे सकता है.
राजस्थान और गुजरात जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में भी नई सैन्य गतिविधियों के संकेत मिल सकते हैं. पाकिस्तान यहां स्नाइपर अटैक, मोर्टार फायरिंग या आर्टिलरी हमले कर सकता है, जिनका जवाब भारत को एंटी-स्नाइपर यूनिट्स, काउंटर-आर्टिलरी रडार और ड्रोन निगरानी से देना होगा.
जनता का मनोबल और सेना का एजेंडा
विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान की सेना मौजूदा हालात में अपने खोए हुए जनसमर्थन को वापस पाने के लिए कोई बड़ा सैन्य कदम उठा सकती है. इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद से पाकिस्तान में सैन्य-विरोधी भावनाएं उभरी हैं. युद्ध जैसी स्थिति पाकिस्तानी सेना को फिर से राष्ट्रवादी भावनाओं का केंद्र बना सकती है.
कूटनीतिक समीकरण: युद्ध या बातचीत?
हालांकि भारत ने यह साफ किया है कि उसका मकसद तनाव बढ़ाना नहीं है. भारत ने सिंधु जल संधि को सस्पेंड किया और व्यापारिक संबंधों को रोका, लेकिन ये कदम जवाबी कार्रवाई के रूप में उठाए गए हैं. पाकिस्तान ने शिमला समझौते को निलंबित कर प्रतिक्रिया दी है.
लेकिन, दोनों देशों के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (NSA) के बीच बैकचैनल डिप्लोमेसी भी शुरू हो गई है. सूत्रों के मुताबिक इसमें तीसरे देश की भूमिका भी हो सकती है, जो शांति स्थापित करने की कोशिश कर रहा है. अगर यह वार्ता सफल होती है, तो पूर्ण युद्ध की आशंका टल सकती है.
भारत की रणनीति
भारत को इस वक्त दोहरी रणनीति अपनाने की जरूरत है:
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