जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत की सख्त प्रतिक्रिया ने पाकिस्तान की नींद उड़ा दी है. 26 निर्दोष लोगों की जान लेने वाले इस हमले के बाद जहां भारत अंतरराष्ट्रीय समुदाय को साक्ष्य के आधार पर आतंकवाद के खिलाफ एकजुट करने में लगा है, वहीं पाकिस्तान अब अपनी छवि बचाने में जुट गया है. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत पर ‘बिना सबूत के आरोप लगाने’ का आरोप लगाया है और खुद को निर्दोष बताने की कोशिश की है.
शरीफ ने तुर्की के राजदूत के सामने दी सफाई
शनिवार को इस्लामाबाद में तुर्की के राजदूत डॉ. इरफान नजीरोगलु से मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत के रुख को “उकसावे भरा” बताते हुए पाकिस्तान की प्रतिक्रिया को “संयमित और जिम्मेदार” करार दिया. उन्होंने यह भी कहा कि भारत, पाकिस्तान पर सीधे आरोप लगाकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भ्रमित करने की कोशिश कर रहा है.
‘सबूत नहीं, सिर्फ आरोप’ – शरीफ का दावा
शहबाज शरीफ ने आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान की तथाकथित नीति का हवाला देते हुए कहा कि भारत अब तक कोई ठोस सबूत साझा नहीं कर पाया है जिससे पाकिस्तान की संलिप्तता साबित हो सके. उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने एक स्वतंत्र, निष्पक्ष और अंतरराष्ट्रीय जांच का प्रस्ताव दिया था, लेकिन भारत की ओर से अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है. शरीफ ने संकेत दिया कि पाकिस्तान ऐसी किसी जांच में तुर्की जैसे देशों की भागीदारी का भी स्वागत करेगा.
भारत की सख्ती से हिला पाकिस्तान
पहलगाम आतंकी हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन द रेजिस्टेंट फ्रंट ने ली थी, जो पाकिस्तान की धरती से संचालित होता है. इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया और सीमाओं पर चौकसी बढ़ा दी गई है. वहीं दूसरी ओर, पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (LoC) पर बार-बार सीजफायर उल्लंघन की कोशिश की है, जिसका जवाब भारतीय सेना ने मुंहतोड़ अंदाज में दिया है. रणनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि अगर स्थिति यूं ही बनी रही, तो दोनों परमाणु संपन्न देशों के बीच हालात और गंभीर हो सकते हैं.
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