आखिर मुनीर के सामने शहबाज को झुकना ही पड़ा, ये पद पाने वाले बना पहला इंसान!

    Chief of Defense Forces Munir: इस्लामाबाद में गुरुवार की शाम राजनीति और सेना के गलियारों में हलचल तब तेज़ हो गई जब प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने फील्ड मार्शल असीम मुनीर को पाकिस्तान का पहला चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज (CDF) नियुक्त कर दिया. 

    pakistan Shahbaz had to bow down in front of Munir become the Chief of Defense Forces
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    Chief of Defense Forces Munir: इस्लामाबाद में गुरुवार की शाम राजनीति और सेना के गलियारों में हलचल तब तेज़ हो गई जब प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने फील्ड मार्शल असीम मुनीर को पाकिस्तान का पहला चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज (CDF) नियुक्त कर दिया. 

    इस फैसले ने एक झटके में मुनीर की ताकत को कई गुना बढ़ा दिया है, क्योंकि वह अब न सिर्फ सेना प्रमुख बने रहेंगे बल्कि देश की तीनों सेनाओं के सर्वोच्च कमांडर भी होंगे. पाकिस्तान में यह पद पहली बार अस्तित्व में आया है और इसकी बागडोर सीधे असीम मुनीर के हाथों में जाएगी.

    सरकार की ओर से जारी बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने यह प्रस्ताव मंजूरी के लिए राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को भेज दिया है और जैसे ही राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलती है, मुनीर पांच साल के कार्यकाल के लिए दोनों ही महत्वपूर्ण पद संभालेंगे. इससे साफ हो गया कि पाकिस्तानी सैन्य ढांचे में अब शक्ति संतुलन का चेहरा बदलने वाला है.

    सैन्य ढांचे में सबसे बड़ी पुनर्गठन प्रक्रिया

    पाकिस्तान में रक्षा प्रबंधन को नए सिरे से गढ़ने के लिए शहबाज सरकार लंबे समय से कवायद कर रही थी. इसकी परिणति तब सामने आई जब हाल में पारित 27वें संविधान संशोधन के जरिए CDF का पद आधिकारिक रूप से तैयार किया गया, एक ऐसा पद जो तीनों सेनाओं और नेशनल स्ट्रैटेजिक कमांड की चेन ऑफ कमांड को सीधे अपने नियंत्रण में ले लेगा.

    इस बदलाव के बाद असीम मुनीर सेना प्रमुख से भी ऊपर एक पूरी तरह नई संरचना में प्रवेश कर चुके हैं. यह सुधार सेना प्रमुख को सैन्य शक्ति की पिरामिड में सर्वोच्च स्तर पर स्थापित करता है, जिससे वे अब समूचे रक्षा ढांचे के निर्विवाद नियंत्रक बन गए हैं.

    एयर चीफ को मिला विस्तार, दो साल और बढ़ा कार्यकाल

    परिवर्तन का यह दौर केवल थल सेना तक सीमित नहीं रहा. प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान एयर फोर्स के एयर चीफ मार्शल जहीर अहमद बाबर सिद्दू के कार्यकाल में दो वर्ष का विस्तार भी मंजूर कर दिया है. यह विस्तार उनके मौजूदा कार्यकाल के मार्च 2026 में समाप्त होने के बाद लागू होगा.
    इस फैसले के बाद साफ है कि सरकार एक स्थिर सैन्य नेतृत्व कायम रखना चाहती है, ऐसा नेतृत्व जो मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों में उसके लिए मददगार साबित हो.

    CDF के गठन पर चल रही थी लंबी बहस

    पिछले कई महीनों से पाकिस्तान में यह मुद्दा चर्चा का विषय रहा कि आखिर असीम मुनीर को नए बने पद पर कब नियुक्त किया जाएगा. विरोधी दलों और रक्षा विश्लेषकों ने सरकार की धीमी प्रक्रिया पर सवाल भी उठाए थे. 

    हालांकि रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि प्रक्रिया जारी है और नोटिफिकेशन जल्द जारी होगा. अब सरकार की इस मंजूरी के बाद उन सभी अटकलों पर विराम लग गया है और मुनीर की नियुक्ति को लेकर चल रही बहस खत्म हो चुकी है.

    पाकिस्तानी सत्ता समीकरणों में बड़ा संकेत

    असीम मुनीर पहले से ही देश में अत्यधिक प्रभावशाली सैन्य चेहरा रहे हैं. लेकिन CDF की कुर्सी मिलने के बाद उनकी शक्ति अब राजनीतिक और सामरिक, दोनों ही मोर्चों पर और मजबूत हो जाएगी. पाकिस्तान जैसे सैन्य-प्रधान देश में इस तरह की नियुक्ति का मतलब है कि आने वाले वर्षों में सेना की भूमिका और भी प्रभावी रूप से उभर कर सामने आएगी.

    यह कदम संकेत देता है कि सरकार और सेना शीर्ष स्तर पर तालमेल को मजबूत करना चाहते हैं और पाकिस्तान की सुरक्षा रणनीति को एकीकृत कमान के तहत और केंद्रीकृत बनाना चाहते हैं.

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