भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव एक बार फिर नए मोड़ पर पहुंच गया है. पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर ने सीमा पार आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया, जिससे पाकिस्तान की प्रतिक्रिया भी तीखी रही. इस बीच, पाकिस्तान के निर्वासित नेता और मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (MQM) के संस्थापक अल्ताफ हुसैन ने एक अहम मांग को लेकर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सार्वजनिक अपील की है.
पीएम मोदी से अल्ताफ हुसैन की अपील: उठाएं मुहाजिरों का मुद्दा
लंदन में आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए अल्ताफ हुसैन ने सोशल मीडिया के जरिए प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया कि वे पाकिस्तान में उर्दू बोलने वाले शरणार्थियों जिन्हें मुहाजिर कहा जाता है के उत्पीड़न को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाएं. उन्होंने कहा कि बंटवारे के बाद भारत से पाकिस्तान पहुंचे मुहाजिर आज भी वहां भेदभाव और हिंसा के शिकार हैं.
मुहाजिरों को नहीं मिला हकदार का दर्जा?
अल्ताफ हुसैन ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान ने आज तक मुहाजिरों को पूर्ण नागरिक अधिकार नहीं दिए. उनके मुताबिक, दशकों से जारी सैन्य दमन और भेदभाव के चलते अब तक करीब 25,000 मुहाजिरों की मौत हो चुकी है. उनका दावा है कि मुहाजिरों की आवाज को जानबूझकर दबाया गया और उन्हें राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक स्तर पर हाशिए पर रखा गया.
आतंकियों को 'शहीद' बना रहा पाकिस्तान?
भारत के ऑपरेशन सिंदूर के तहत मारे गए आतंकियों को लेकर पाकिस्तान की प्रतिक्रिया ने भी विवाद को जन्म दिया है. पीएम मोदी ने हाल ही में इस मुद्दे पर पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया. उन्होंने बताया कि 6 मई की रात मारे गए आतंकियों के जनाजों में पाकिस्तान की सेना के अधिकारी मौजूद थे, ताबूतों पर पाकिस्तान का झंडा था, और उन्हें स्टेट ऑनर दिया गया. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह दिखाता है कि पाकिस्तान खुलेआम आतंकवाद को संरक्षण देता है और उसे गौरव की दृष्टि से देखता है. इससे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की स्थिति और कमजोर हुई है.
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