उधर विदेशों में लगा रहे शांति की गुहार, इधर आतंकियों को गले लगा रहा पाकिस्तान; शहबाज सरकार का दोहरा चेहरा!

    पाकिस्तान एक बार फिर अपने दोहरे चेहरे के कारण सवालों के घेरे में है. पंजाब प्रांत के कसूर जिले में हाल ही में एक ऐसा कार्यक्रम हुआ जिसने पाकिस्तान की सरकार और आतंकवादी संगठनों के बीच की सच्चाई को कैमरे के जरिए पूरी दुनिया के सामने उजागर कर दिया.

    Pakistan Lashkar e taiba platform many leader minister praises
    Image Source: ANI

    पाकिस्तान एक बार फिर अपने दोहरे चेहरे के कारण सवालों के घेरे में है. पंजाब प्रांत के कसूर जिले में हाल ही में एक ऐसा कार्यक्रम हुआ जिसने पाकिस्तान की सरकार और आतंकवादी संगठनों के बीच की सच्चाई को कैमरे के जरिए पूरी दुनिया के सामने उजागर कर दिया.

    जहां एक तरफ पाकिस्तान खुद को आतंकवाद से लड़ने वाला देश बताता है, वहीं दूसरी तरफ उसकी सरकार के मंत्री लश्कर-ए-तैयबा जैसे कुख्यात आतंकी संगठन के मंच पर देखे गए. यह कोई आरोप नहीं, बल्कि वीडियो और तस्वीरों में दर्ज हुआ वह दृश्य है जिसमें पाकिस्तान के सीनियर नेता आतंकियों के साथ मंच साझा कर रहे हैं.

    लश्कर के कार्यक्रम में पाकिस्तान सरकार के मंत्री और स्पीकर की मौजूदगी


    इस कार्यक्रम में पाकिस्तान के खाद्य मंत्री मलिक रशीद अहमद खान और पंजाब विधानसभा के स्पीकर मलिक मोहम्मद अहमद ख़ान, जो कि शहबाज शरीफ और मरियम नवाज के करीबी माने जाते हैं, आतंकियों के साथ खुले मंच पर बैठे दिखाई दिए. उनके साथ मंच पर लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी सैफुल्लाह कसूरी, अमीर हमजा और हाफिज सईद का बेटा तल्हा सईद भी मौजूद था.

    मंच पर आतंकियों का सम्मान और भारत विरोधी भाषण


    कार्यक्रम में इन नेताओं ने आतंकियों का न केवल स्वागत किया, बल्कि उन्हें पाकिस्तान की पहचान बताने की कोशिश की. सैफुल्लाह कसूरी को ‘राष्ट्रीय नायक’ की उपाधि दी गई, और भारत पर जहर उगलते हुए कहा गया कि “पाकिस्तान की 24 करोड़ जनता अब लश्कर की सोच का प्रतिनिधित्व करती है.” यहां तक कि मंच से यह ऐलान तक किया गया कि भारत की कार्रवाई में मारे गए आतंकी मुदस्सिर के भाई को शहबाज सरकार नौकरी देगी.

    अमीर हमजा की खालिस्तान के समर्थन में नारेबाज़ी


    कार्यक्रम का सबसे चौंकाने वाला हिस्सा तब आया जब लश्कर के सह-संस्थापक और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वांछित आतंकी अमीर हमजा ने मंच से "खालिस्तान जिंदाबाद" के नारे लगाए. यह बात स्पष्ट संकेत देती है कि लश्कर और ISI मिलकर भारत के खिलाफ खालिस्तानी आंदोलन को हवा दे रहे हैं.

    गोपनीयता की कोशिश नाकाम


    कार्यक्रम के अंत में जब सैफुल्लाह कसूरी ने मंच से पाकिस्तान सरकार के मंत्रियों का नाम लेकर धन्यवाद दिया, तभी अचानक मंच पर तैनात सुरक्षा कर्मियों ने वीडियो रिकॉर्डिंग बंद करने का इशारा किया. यह साफ दर्शाता है कि पाकिस्तान सरकार आतंकियों से अपने संबंधों को दुनिया से छिपाना चाहती है, लेकिन अब यह मुमकिन नहीं रहा.

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