पाकिस्तान अपनी वायुसेना को अपग्रेड करने के लिए चीन की मदद से लगातार प्रयास कर रहा है. J-10C और JF-17 Thunder Block III जैसे फाइटर जेट्स को लेकर खूब शोर मचाया जा रहा है. लेकिन, जब बात तुलना की आती है, तो पाकिस्तान के दावे कितने ठोस हैं और भारत के पास मौजूद राफेल फाइटर जेट्स के सामने ये कितने टिकते हैं – यह सवाल वाकई अहम है.
पाकिस्तान फिर डींगें हांकने लगा
पाकिस्तान एयरफोर्स के रिटायर्ड एयर कमोडोर खालिद फारूक का ताजा बयान चर्चा में है, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि पाकिस्तान के लड़ाकू विमान तकनीक के मामले में भारतीय राफेल से “थोड़े आगे” हैं. उन्होंने J-10C को 4.5-पीढ़ी का मल्टीरोल फाइटर बताया और कहा कि इसमें AESA रडार, लंबी दूरी की PL-15 मिसाइल और एडवांस एवियोनिक्स जैसी खूबियां हैं, जो इसे "पहली नजर, पहली गोली" जैसी रणनीतिक क्षमता देती हैं, लेकिन हकीकत इससे थोड़ी अलग है.
भारत के पास मौजूद राफेल न केवल तकनीकी रूप से अधिक परिपक्व है, बल्कि यह एक ट्विन-इंजन फाइटर जेट है, जो विभिन्न युद्ध अभियानों में अपनी क्षमता को साबित कर चुका है. राफेल का Thales RBE2 AESA रडार और स्पेक्ट्रा इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम इसे लड़ाई में असाधारण सिचुएशनल अवेयरनेस देता है, जो किसी भी मिशन की सफलता में निर्णायक भूमिका निभा सकता है.
वहीं, J-10C सिंगल इंजन डिज़ाइन के साथ आता है, जो युद्ध के दौरान इसकी सीमाएं तय करता है. इसके रडार और सेंसर भले ही एडवांस कहे जा रहे हों, लेकिन विश्वसनीयता और फील्ड परफॉर्मेंस में यह राफेल से पीछे हैं. बात करें JF-17 की, तो यह हल्का फाइटर जेट है, जो PAC और चीन के बीच जॉइंट प्रोजेक्ट के तहत बना है. पाकिस्तान के ही सूत्र बताते हैं कि JF-17 की मेंटेनेंस और परफॉर्मेंस को लेकर कई बार पाकिस्तानी वायुसेना असंतुष्ट रही है. इसके कई वेरिएंट्स ऑपरेशन में हैं, लेकिन इनमें से Block III भी फिलहाल टेस्टिंग और अपग्रेड के दौर में ही है.
भारत के पास लगभग 1,150 फाइटर जेट्स
संख्या की बात करें तो भारत के पास लगभग 1,150 फाइटर जेट्स हैं, जबकि पाकिस्तान के पास करीब 400. यानी तादाद में भी भारत का दबदबा है. लेकिन एयर कमोडोर फारूक खुद मानते हैं कि पाकिस्तान संख्या में भारत की बराबरी करना नहीं चाहता – वह जुनून और तकनीकी समर्पण की बात करता है. हालांकि, मैदान में सिर्फ जुनून नहीं, तकनीकी श्रेष्ठता और विश्वसनीयता भी निर्णायक होती है – और फिलहाल, राफेल इन दोनों कसौटियों पर खरा उतरता है.
साफ है कि पाकिस्तान की कोशिशें तेज़ हैं, लेकिन भारत की रणनीति कहीं अधिक ठोस और टिकाऊ दिखती है. जहां पाकिस्तान के लड़ाकू विमान अभी खुद को साबित करने की दौड़ में हैं, वहीं राफेल पहले ही दुनिया भर में अपनी साख बना चुका है.
ये भी पढ़ेंः सऊदी अरब को हथियार देगा भारत! खाड़ी के सबसे ताकतवर मुस्लिम देश में क्यों जा रहे पीएम मोदी? समझिए मायने