रिपोर्टः लेफ्टिनेंट जनरल दुष्यंत सिंह
जम्मू, 13 मई 2025: भारत और पाकिस्तान के बीच डीजीएमओ-स्तरीय बैठक में स्पष्ट रूप से युद्धविराम पर सहमति के बावजूद, पाकिस्तानी धरती से ड्रोन के जरिए ग्रे-ज़ोन युद्ध छेड़ा जा रहा है. इस हरकत ने भारत के हवाई अड्डों को हाई अलर्ट पर ला दिया है और कई उड़ानों को रद्द करना पड़ा है. सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान सेना में गहरे मतभेद उभर रहे हैं, जहां स्थानीय कमांडर जनरल आसिम मुनीर के आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं और स्वतंत्र रूप से नियंत्रण रेखा LoC & IB के पास भारत की ओर ड्रोन भेज रहे हैं.
पाकिस्तान सेना में दरार: पाकिस्तान सेना के भीतर जनरल आसिम मुनी और स्थानीय कमांडरों के बीच तनाव चरम पर है. असंतुष्ट स्थानीय कमांडर सैन्य नेतृत्व के निर्देशों को दरकिनार कर भारत के खिलाफ ड्रोन हमले कर रहे हैं. यह उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान सेना में डीजीएमओ सीधे जनरल मुनिर के अधीन कार्य करता है और दोनों के बीच प्रत्यक्ष समन्वय होता है. इसलिए, युद्धविराम पर डीजीएमओ-स्तरीय समझौता स्पष्ट रूप से जनरल मुनिर की मंशा और निर्णयों का परिणाम है.
चूंकि ये वार्ताएं जनरल मुनिर की सहमति के बिना संभव नहीं हैं, यह स्पष्ट है कि वे युद्धविराम के प्रति गंभीर हैं. हालांकि, स्थानीय कमांडरों की अवज्ञा और स्वतंत्र कार्रवाइयां उनकी मंशा के खिलाफ जाकर गंभीर अनुशासनहीनता को दर्शाती हैं.
भारत की रणनीति: युद्धविराम के उल्लंघन के जवाब में भारत ने कड़ा रुख अपनाने का फैसला किया है. सूत्रों के मुताबिक, भारत उन ड्रोन लॉन्चपैड्स पर हमला कर सकता है, जहां से ये हवाई वाहन भारत की ओर भेजे जा रहे हैं. यदि पाकिस्तान भारत के हवाई क्षेत्र और नागरिक उड़ान संचालन को बाधित करता है, तो भारत उनकी लॉन्चपैड्स और हवाई गतिविधियों को लंबे समय तक बंद करने के लिए मजबूर कर सकता है.
विश्लेषण: पाकिस्तान सेना में यह आंतरिक कलह न केवल उनकी कमान और नियंत्रण की कमजोरी को उजागर करती है, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता के लिए भी खतरा बन रही है. भारत की ओर से कठोर जवाबी कार्रवाई न केवल ड्रोन हमलों को रोकने के लिए होगी, बल्कि यह भी संदेश देगी कि युद्धविराम का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
सारांश : पाकिस्तान सेना के भीतर अराजकता और भारत के खिलाफ ड्रोन युद्ध की यह रणनीति दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा सकती है. भारत की सतर्कता और जवाबी कार्रवाई की तैयारी से यह स्पष्ट है कि वह अपनी संप्रभुता और सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं करेगा.
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