इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने एक बार फिर भारत पर आतंकवाद को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं. इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने एक साक्षात्कार में कहा कि भारत कथित तौर पर पाकिस्तान में अस्थिरता फैलाने के लिए आतंकवादी नेटवर्क का समर्थन कर रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान का परमाणु हथियार कार्यक्रम पूरी तरह सुरक्षित है और उसे किसी बाहरी खतरे से डरने की आवश्यकता नहीं है.
भारत पर लगाए गंभीर आरोप
जनरल शरीफ ने क़तर स्थित न्यूज़ नेटवर्क अल जज़ीरा को दिए एक इंटरव्यू में आरोप लगाया कि भारत ने आतंकवाद को “राजकीय नीति” बना लिया है और वह पाकिस्तान के भीतर अस्थिरता फैलाने के लिए कई वर्षों से रणनीतिक प्रयास कर रहा है. उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान के अशांत प्रांत बलूचिस्तान में हो रही हिंसा में भारत की भूमिका है.
हालांकि, उन्होंने इन आरोपों के समर्थन में कोई प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं प्रस्तुत किया. भारत की ओर से इन दावों पर अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन अतीत में भारत ने इस प्रकार के आरोपों को “बेसलेस और राजनीतिक रूप से प्रेरित” बताकर खारिज किया है.
वजीरिस्तान हमले के बाद इंटरव्यू
यह बयान ऐसे समय में आया है जब हाल ही में दक्षिण वजीरिस्तान में एक घातक आतंकवादी हमला हुआ था, जिसमें पाकिस्तानी सेना के 16 जवान मारे गए. हमले की ज़िम्मेदारी प्रतिबंधित आतंकी संगठन तेहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने ली थी. इसके बावजूद, ISPR प्रमुख ने भारत को हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया, यह दावा करते हुए कि वह इन संगठनों को वित्तीय और रणनीतिक सहायता प्रदान कर रहा है.
'फितना अल-ख्वारिज' पर फोकस
जनरल शरीफ ने अपने बयान में ‘फितना अल-ख्वारिज’ शब्द का उपयोग करते हुए, उसे ऐसे आतंकी समूहों से जोड़ा जो पाकिस्तान की सेना और राज्य के खिलाफ हथियार उठाते हैं. उन्होंने इस विचारधारा को इस्लाम के विरुद्ध बताते हुए कहा कि, "इस्लाम में केवल राज्य को जिहाद की घोषणा करने का अधिकार है. कोई भी व्यक्ति या संगठन इसका निर्णय नहीं कर सकता."
यह बयान स्पष्ट रूप से पाकिस्तान के भीतर सक्रिय जिहादी संगठनों के खिलाफ सख्त रुख को दर्शाता है.
परमाणु हथियारों पर पाकिस्तान का रुख
साक्षात्कार में जनरल शरीफ ने पाकिस्तान की परमाणु क्षमता की सुरक्षा पर जोर देते हुए कहा कि, "हमारी परमाणु संपत्ति पूरी तरह से संरक्षित है. यह किसी भी बाहरी खतरे से अछूती है और कोई भी देश इसे नुकसान नहीं पहुँचा सकता."
उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान एक 'जिम्मेदार और घोषित परमाणु शक्ति' है, और इसकी नीति क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखने की दिशा में निर्देशित है.
बयानबाज़ी या रणनीतिक संदेश?
विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान पाकिस्तान की भीतरू सुरक्षा चुनौतियों और बाहरी राजनयिक दबावों के बीच एक राजनीतिक संतुलन साधने का प्रयास हो सकता है. भारत पर बार-बार लगाए जाने वाले आरोपों के बावजूद, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को इस मुद्दे पर सीमित समर्थन मिलता रहा है.
वहीं, भारत लगातार यह कहता रहा है कि वह एक शांतिप्रिय लोकतंत्र है और वह आतंकवाद का सबसे बड़ा पीड़ित रहा है—न कि प्रायोजक.
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