भारत के खौफ से थर्राई शहबाज सरकार, हड़बड़ी में बुलाई संसद की आपात बैठक

    कश्मीर के पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान में सियासी और सैन्य हलचल तेज हो गई है. भारत द्वारा लिए गए कड़े फैसलों और बढ़ती सख्ती के चलते पड़ोसी मुल्क में डर और घबराहट का माहौल बन गया है.

    Pakistan Call National Assembly meeting pahalgam attack
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    कश्मीर के पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान में सियासी और सैन्य हलचल तेज हो गई है. भारत द्वारा लिए गए कड़े फैसलों और बढ़ती सख्ती के चलते पड़ोसी मुल्क में डर और घबराहट का माहौल बन गया है. इसी तनावपूर्ण पृष्ठभूमि में पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने 5 मई 2025 को शाम 5 बजे इस्लामाबाद स्थित संसद भवन में नेशनल असेंबली की विशेष बैठक बुला ली है.

    आधिकारिक बयान: संविधान के तहत बुलाई गई आपात बैठक


    पाकिस्तानी सरकार की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, यह बैठक इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 54(1) के तहत राष्ट्रपति द्वारा बुलाई गई है. इस विशेष सत्र में सभी दलों के नेता, मंत्रिगण, रक्षा विशेषज्ञ और सैन्य प्रतिनिधि शामिल होंगे.

    भारत की संभावित कार्रवाई से घबराया पाकिस्तान


    खुफिया सूचनाओं के हवाले से पाकिस्तान को आशंका है कि भारत किसी भी समय सीमापार सैन्य कार्रवाई कर सकता है. इसी चिंता को देखते हुए यह सत्र बुलाया गया है ताकि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर विचार कर जवाबी रणनीति तैयार की जा सके. इस बैठक में यह देखना रोचक होगा कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पीटीआई का क्या रुख रहता है, क्योंकि वे जेल में बंद होने के बावजूद भारत के खिलाफ सरकार को समर्थन देने की बात कह चुके हैं. सेना प्रमुख द्वारा इमरान से समर्थन मांगने के लिए चार जनरल को जेल भेजना इस बात का संकेत है कि हालात कितने गंभीर हैं.

    भारत से बिगड़ते रिश्ते, पाकिस्तान में दहशत


    भारत ने पहलगाम हमले के जवाब में पाकिस्तान पर राजनयिक और आर्थिक दोनों मोर्चों पर जबरदस्त दबाव बनाया है. सिंधु जल संधि को रद्द करना, पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करना, और राजनयिक संबंध समाप्त करना जैसे फैसलों ने इस्लामाबाद को झकझोर कर रख दिया है. भारत की ओर से उठाए गए इन कदमों के बाद पाकिस्तान बौखलाहट में लगातार उग्र बयानबाजी कर रहा है. विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने तो यह तक कह दिया कि "अब सिंधु नदी में पानी नहीं, खून बहेगा". सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर भी लगातार बैठकें कर रहे हैं और सीमाओं पर मिसाइल परीक्षण कराए जा रहे हैं, जिससे साफ संकेत मिलते हैं कि पाकिस्तान आंतरिक रूप से भयभीत है.

    रणनीति की तलाश में पाकिस्तान


    नेशनल असेंबली की यह बैठक न केवल भारत के साथ मौजूदा तनाव की समीक्षा के लिए बुलाई गई है, बल्कि इसमें पाकिस्तान की सैन्य तैयारियों, कूटनीतिक समीकरण और अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने के विकल्पों पर भी चर्चा हो सकती है. सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह पाकिस्तान की ओर से अपनी घरेलू जनता और वैश्विक मंच पर "सुरक्षा-सजग राष्ट्र" की छवि पेश करने का प्रयास है.
     

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