जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने न सिर्फ भारत को झकझोर दिया है, बल्कि अब इसका असर पाकिस्तान में भी साफ नजर आने लगा है. भारत सरकार ने इस हमले को लेकर बेहद कड़ा रुख अपनाया है और स्पष्ट संकेत दिए हैं कि इस बार जवाब सिर्फ शब्दों में नहीं, बल्कि कार्रवाई के रूप में होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सेना को खुली छूट देने के बाद पाकिस्तान की बेचैनी बढ़ गई है और उसकी सरकार व सैन्य तंत्र में खलबली मची हुई है.
पाकिस्तानी मंत्री ने क्या कहा?
पाकिस्तानी मीडिया से लेकर वहां के मंत्री तक अब खुलकर यह स्वीकार कर रहे हैं कि भारत की ओर से अगले 24 से 36 घंटों के भीतर कोई बड़ा सैन्य एक्शन हो सकता है. पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने खुद दावा किया है कि उन्हें विश्वसनीय खुफिया इनपुट मिले हैं कि भारत सीमा पार सर्जिकल स्ट्राइक या एयर स्ट्राइक की तैयारी में है.
भारत ने पहलगाम हमले के बाद जिस तरह उच्चस्तरीय बैठकों की श्रृंखला शुरू की है, उससे साफ है कि यह सिर्फ प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि एक रणनीतिक जवाब की योजना है. मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी ने कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की अहम बैठक बुलाई, जिसमें इस हमले के गुनहगारों और उनके संरक्षकों को निशाना बनाने की योजना पर चर्चा की गई. इसके साथ ही पीएम ने सेना को जवाबी कार्रवाई के लिए पूरी छूट दे दी है—अब कार्रवाई का वक्त और तरीका सेना तय करेगी.
पाकिस्तान की भूमिका संदेह में
भारत फिलहाल अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की भूमिका को उजागर करने के लिए पुख्ता सबूत जुटाने में लगा है. क्योंकि भारत चाहता है कि जब वह जवाब दे, तो दुनिया यह जान चुकी हो कि हमले के पीछे कौन है. लश्कर-ए-तैयबा के जुड़े संगठन टीआरएफ द्वारा पहले हमले की जिम्मेदारी लेना और फिर सफाई देना, खुद पाकिस्तान की भूमिका को संदेह के घेरे में ला चुका है.
भारत अपने नागरिकों की मौत का हिसाब लेगा
इस हमले में 26 निर्दोष लोग मारे गए, और भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवादियों के साथ-साथ उन्हें पनाह देने वालों को भी बख्शा नहीं जाएगा. पीएम मोदी ने कहा था कि भारत अपने नागरिकों की मौत का हिसाब लेगा, चाहे अपराधी कहीं भी छिपे हों. यह चेतावनी अब पाकिस्तान के भीतर डर का कारण बन चुकी है.
पाकिस्तान की बेचैनी इस बात से भी झलकती है कि वह एक ओर संयुक्त राष्ट्र से मदद की गुहार लगा रहा है, तो दूसरी ओर गीदड़भभकी देने की कोशिश कर रहा है. लेकिन, भारत का बदला लेने का संकल्प इस बार सिर्फ बयानबाज़ी तक सीमित नहीं रहेगा—यह बात अब पाकिस्तान को भी समझ आने लगी है.
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