नई दिल्लीः जब देशवासी रात की नींद में थे, तब भारतीय सेना ने चुपचाप एक बड़ा इतिहास रच दिया. पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले के जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया—एक ऐसा नाम जो उन शहीदों की विधवाओं के आंसुओं और साहस को समर्पित है. इस अभियान के तहत पाकिस्तान और पीओके में फैले 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर तबाह कर दिया गया. इस निर्णायक कार्रवाई के बाद अब राजनीतिक गलियारों से भी प्रतिक्रियाएं तेज़ हो गई हैं.
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी भारतीय सेना की इस कार्रवाई को सही ठहराते हुए समर्थन दिया है. उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा,
"मैं हमारी सेनाओं द्वारा पाकिस्तान में आतंकी अड्डों पर किए गए लक्षित हमलों का स्वागत करता हूं. पाकिस्तान की डीप स्टेट को यह स्पष्ट संदेश मिलना चाहिए कि दूसरा पहलगाम अब नहीं होगा. पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क को पूरी तरह से ध्वस्त किया जाना चाहिए. जय हिंद!"
वहीं, विपक्ष से भी सकारात्मक प्रतिक्रियाएं आई हैं. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा, "जय हिंद! भारत माता की जय! न आतंक बचे, न अलगाववाद. हमें अपनी सेना पर गर्व है."
शिवसेना (यूबीटी) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने घटना को याद करते हुए भावुक प्रतिक्रिया दी. उन्होंने लिखा: "आतंकियों ने धर्म पूछकर मारा था, अब कर्म भुगतो. हर माथे का सिंदूर मिटने नहीं देंगे, और अगर मिटाया गया तो जवाब ज़रूर देंगे. जय जवान! जय हिंद!"
सोशल मीडिया पर भी देशभक्ति की लहर दौड़ गई. एक यूजर ने लिखा,
"सिंदूर मिटाने वालों पर ऑपरेशन सिंदूर से जवाब, भारतीय सेना ने फिर दिखा दिया कि भारत किसी भी कीमत पर चुप नहीं बैठेगा."
आखिर क्यों ज़रूरी था यह जवाब?
22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में तीर्थयात्रियों और पर्यटकों पर आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी. इसके बाद से भारत ने लगातार उच्च स्तरीय बैठकों और रणनीतियों के जरिए जवाबी कार्रवाई की योजना बनाई. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ उसी का निर्णायक अंजाम था.
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