Operation Sindoor: भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान के भीतर घुसकर किए गए सटीक और घातक ऑपरेशन के बाद अब इस्लामाबाद का स्वर नरम पड़ने लगा है. पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का ताजा बयान इस बात की गवाही देता है कि भारतीय कार्रवाई ने सीमा पार न केवल आतंकी ठिकानों को तबाह किया, बल्कि पाकिस्तान की सैन्य और राजनीतिक सोच को भी झकझोर कर रख दिया है.
ख्वाजा आसिफ की ‘शांति’ की पेशकश
भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने संकेत दिए हैं कि उनकी सेना अब पीछे हटने को तैयार है, बशर्ते भारत ऑपरेशन को यहीं समाप्त कर दे. यह बयान साफ दर्शाता है कि पाकिस्तान ने न केवल भारत की सैन्य कार्रवाई को स्वीकार किया है, बल्कि इसकी गंभीरता को भी समझा है. जानकारी के अनुसार, भारतीय वायुसेना और स्पेशल फोर्सेज ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत और पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) में मौजूद 9 प्रमुख आतंकी अड्डों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया. इन हमलों में सैकड़ों आतंकियों के मारे जाने की आशंका जताई जा रही है.
ऑपरेशन का प्रभाव: पाकिस्तान की रणनीतिक चुप्पी
इस ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान की ओर से पहले आक्रामकता की अपेक्षा की जा रही थी, लेकिन इसके उलट रक्षा मंत्री की ओर से आया यह ‘शांति प्रस्ताव’ यह दिखाता है कि पाकिस्तान के पास अब प्रतिरोध की कोई ठोस योजना नहीं है. यह भारत की सैन्य और कूटनीतिक ताकत का प्रमाण है.
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया: भारत के पक्ष में संतुलन
भारत की कार्रवाई के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रियाएं भी खास मायने रखती हैं. चीन जैसे देशों ने संतुलित प्रतिक्रिया देते हुए आतंकवाद का विरोध किया. किसी भी प्रमुख वैश्विक शक्ति ने भारत की कार्रवाई की खुलकर आलोचना नहीं की, बल्कि अधिकांश ने इसे आतंक के खिलाफ आत्मरक्षा का अधिकार माना. इन प्रतिक्रियाओं से स्पष्ट हो गया है कि भारत अब वैश्विक मंच पर एक निर्णायक और विश्वसनीय शक्ति के रूप में देखा जा रहा है, जो अपनी नागरिक सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठा सकता है.
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