ऑपरेशन सिंदूर को लेकर फर्जी खबरें फैला रहा था चीन, राजदूत ने लगाई अक्‍ल ठिकाने

    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले का बदला भारत ने ऑपरेशन सिंदूर से ले लिया है. भारत की आतंक के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई का असर न केवल पाकिस्तान पर बल्कि उसके सहयोगी चीन पर भी स्पष्ट रूप से दिखा. चीन के सरकारी मुखपत्र 'ग्लोबल टाइम्स' ने एक फर्जी खबर को सच बताकर प्रकाशित किया, जिसमें दावा किया गया कि पाकिस्तान ने भारतीय वायुसेना का एक लड़ाकू विमान मार गिराया है.

    Operation Sindoor China news Fack check
    File Image Source ANI

    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले का बदला भारत ने ऑपरेशन सिंदूर से ले लिया है. भारत की आतंक के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई का असर न केवल पाकिस्तान पर बल्कि उसके सहयोगी चीन पर भी स्पष्ट रूप से दिखा. चीन के सरकारी मुखपत्र 'ग्लोबल टाइम्स' ने एक फर्जी खबर को सच बताकर प्रकाशित किया, जिसमें दावा किया गया कि पाकिस्तान ने भारतीय वायुसेना का एक लड़ाकू विमान मार गिराया है.

    दूतावास ने लगाई चीन की क्लास

    भारत ने इस दावे को पूरी तरह खारिज करते हुए चीन में अपने दूतावास के माध्यम से कड़ी प्रतिक्रिया दी है. एक्स पर सार्वजनिक रूप से ग्लोबल टाइम्स को संबोधित करते हुए भारतीय दूतावास ने कहा, "प्रिय ग्लोबल टाइम्स, किसी भी खबर को प्रकाशित करने से पहले तथ्यों की पुष्टि करें और स्रोतों की गहन जांच करें." दूतावास ने यह भी चेताया कि इस तरह की गलत जानकारी फैलाना न केवल पत्रकारिता की नैतिकता के खिलाफ है, बल्कि यह जानबूझकर लोगों को गुमराह करने का प्रयास भी है.

    ग्लोबल टाइम्स द्वारा साझा की गई तस्वीरों की भी भारत ने सच्चाई सामने रखी. पीआईबी द्वारा साझा की गई जानकारियों के अनुसार, जिन विमानों को हालिया कार्रवाई से जोड़कर दिखाया गया, वे वास्तव में पुराने हादसों से संबंधित थे. एक मिग-29 की तस्वीर सितंबर 2024 में राजस्थान में हुए एक दुर्घटना की थी, जबकि दूसरी तस्वीर 2021 में पंजाब में मिग-21 के क्रैश से जुड़ी हुई थी.

    पहलगाम में आतंकी हमला

    दूतावास ने दुनिया का ध्यान उस अमानवीय आतंकी हमले की ओर भी खींचा जो 22 अप्रैल को पहलगाम में हुआ. इस हमले में लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकवादियों ने पर्यटकों पर निशाना साधा और एक विशेष धर्म के लोगों को पहचान कर उन्हें मौत के घाट उतारा. इसमें एक नेपाली नागरिक सहित 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई. यह हमला 2008 के मुंबई हमलों के बाद सबसे बड़ा नागरिक जनहानि वाला आतंकी हमला माना जा रहा है.

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