What Is Dark Pattern: आज के समय में ऑनलाइन शॉपिंग हमारे जीवन का हिस्सा बन चुकी है. ग्रोसरी से लेकर स्मार्टफोन तक, सब कुछ कुछ ही क्लिक में मंगाया जा सकता है. लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि कई बार वेबसाइट या ऐप पर प्रोडक्ट का रेट कम दिखाया जाता है, और फाइनल पेमेंट के समय अचानक बढ़ जाता है?
इस तरह की छिपी हुई प्राइसिंग ट्रिक्स को डार्क पैटर्न (Dark Pattern) कहा जाता है. विशेषज्ञों का कहना है कि कई ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म इस तकनीक का इस्तेमाल ग्राहकों को जल्दी निर्णय लेने या गलत विकल्प चुनने के लिए करते हैं.
डार्क पैटर्न के सामान्य रूप
टाइमर दबाव: प्रोडक्ट खरीदने के लिए समय सीमा दिखाना, जिससे यूजर जल्दी निर्णय लें.
फोर्स कंटीन्यूटी: स्टेप बदलते ही शर्तें या कीमत बदल जाना.
हिडन कोस्ट: प्रोडक्ट की ओरिजनल कीमत छिपा कर अतिरिक्त चार्ज या ऑफर जोड़ना.
ऑटो पेमेंट: फ्री ट्रायल के बाद स्वतः पेमेंट चालू होना.
उदाहरण के तौर पर, सेल के दौरान किसी स्मार्टफोन को ₹33,999 में लिस्ट किया जाता है, लेकिन जैसे ही आप उसे क्लिक करते हैं, ओरिजनल प्राइस और बैंक ऑफर्स जोड़कर कुल राशि बढ़ जाती है.
डार्क पैटर्न से बचने के टिप्स
कंज्यूमर अफेयर्स (@jagograhakjago) ने X प्लेटफॉर्म पर भी चेतावनी दी है कि डार्क पैटर्न की वजह से यूजर सही प्रोडक्ट का चुनाव नहीं कर पा रहे हैं. अगर आपको ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान किसी प्रकार का संदिग्ध व्यवहार नजर आए, तो तुरंत हेल्पलाइन से संपर्क करें.
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