भारत-पाकिस्तान नहीं, यूरोप में छिड़ सकता है परमाणु युद्ध... फ्रांस कहां तैनात करेगा एटम बम? मैक्रों ने दिए संकेत

    रूस-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि में यूरोप की सुरक्षा नीति एक बार फिर चर्चा में है, और इस बार इसकी वजह बने हैं फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों.

    Nuclear war Europe India-Pakistan France deploy atom bomb Macron
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    रूस-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि में यूरोप की सुरक्षा नीति एक बार फिर चर्चा में है, और इस बार इसकी वजह बने हैं फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों. उन्होंने एक अभूतपूर्व पहल करते हुए फ्रांस के परमाणु हथियारों को यूरोप के अन्य देशों में तैनात करने की संभावना जताई है. फ्रांसीसी चैनल TF1 को दिए इंटरव्यू में मैक्रों ने यह संकेत दिए कि अगर जरूरी हुआ, तो फ्रांस अपने परमाणु शस्त्रों की तैनाती के दायरे का विस्तार कर सकता है.

    यह बयान ऐसे समय में आया है जब रूस से बढ़ते खतरे को लेकर यूरोप में असुरक्षा की भावना तेज हो गई है और अमेरिका की परमाणु प्रतिबद्धता पर भी सवाल उठने लगे हैं.

    फ्रांस की 'न्यूक्लियर छतरी' पर यूरोप की नजरें

    राष्ट्रपति मैक्रों ने स्पष्ट किया कि यह कदम बिना शर्तों के नहीं होगा. उन्होंने कहा कि फ्रांस किसी और की सुरक्षा के लिए अपनी खुद की रक्षा क्षमताओं से समझौता नहीं करेगा. परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर अंतिम निर्णय का अधिकार पूरी तरह फ्रांसीसी राष्ट्रपति के हाथ में ही रहेगा.

    मैक्रों ने कहा, “अमेरिका पहले ही बेल्जियम, जर्मनी, इटली और तुर्की जैसे देशों में परमाणु हथियार तैनात कर चुका है. अब समय आ गया है कि यूरोप अपने दम पर भी इस दिशा में सोचना शुरू करे.”

    फ्रांस: यूरोपीय संघ का एकमात्र परमाणु शक्ति संपन्न देश

    2024 के आंकड़ों के अनुसार, फ्रांस के पास लगभग 280 परमाणु हथियार हैं. इनमें से कई को पनडुब्बियों और जेट विमानों के ज़रिए लॉन्च किया जा सकता है. हालांकि ब्रिटेन के पास भी परमाणु शस्त्र हैं, परंतु उनका ट्राइडेंट कार्यक्रम काफी हद तक अमेरिका पर निर्भर है. इस वजह से फ्रांस ही वह इकलौता देश है जो यूरोपीय संघ के भीतर स्वतंत्र रूप से परमाणु नीति चला सकता है.

    जर्मनी समेत कई देशों की रुचि

    राष्ट्रपति मैक्रों के इस विचार पर जर्मनी, पोलैंड, डेनमार्क और लिथुआनिया जैसे देशों ने रुचि दिखाई है. जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ ने भी संकेत दिए हैं कि उनका देश फ्रांसीसी हथियारों की मेज़बानी को लेकर खुला है. उल्लेखनीय है कि जर्मनी पहले से ही अपने एयरबेस पर 20 अमेरिकी परमाणु हथियार रखे हुए है.

    रूस की नाराजगी: 'यह कदम स्थिरता नहीं, अस्थिरता लाएगा'

    मैक्रों के बयान के तुरंत बाद रूस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने चेतावनी दी कि यूरोप में परमाणु हथियारों का और ज्यादा फैलाव महाद्वीप की सुरक्षा, स्थिरता और भविष्यवाणी क्षमताओं को नुकसान पहुंचाएगा.

    मैक्रों की संतुलित रणनीति: न युद्ध, न समर्पण

    अपने इंटरव्यू में मैक्रों ने स्पष्ट किया कि फ्रांस किसी तरह का 'तीसरा विश्व युद्ध' नहीं चाहता. उन्होंने कहा, “हमें यूक्रेन की मदद करनी चाहिए ताकि वह मज़बूत स्थिति में रहकर शांति वार्ता की मेज पर बैठे, लेकिन युद्ध को बढ़ावा देना समाधान नहीं है.”

    ये भी पढ़ेंः मौत मांग रहा पाकिस्तान! कश्मीर मामले पर फिर बौखलाया ये 'पिद्दी' देश, बोला- 'इस बार क्रूर जवाब देंगे'