अगर आप भी अब तक अपने घर का किराया फोनपे, पेटीएम, CRED, अमेजन पे या किसी अन्य डिजिटल वॉलेट के जरिए क्रेडिट कार्ड से भरते रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए अहम है. हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा जारी की गई नई गाइडलाइंस के बाद अधिकांश पेमेंट प्लेटफॉर्म्स ने क्रेडिट कार्ड से किराया भुगतान की सुविधा बंद कर दी है.
इसका असर लाखों ऐसे लोगों पर पड़ा है, जो इस सुविधा का इस्तेमाल करते थे न केवल पेमेंट में सुविधा के लिए, बल्कि रिवॉर्ड पॉइंट्स, कैशबैक और ब्याज मुक्त अवधि जैसी सुविधाओं के लिए भी.
इस लेख में हम समझेंगे कि RBI ने यह कदम क्यों उठाया, इसका क्या असर पड़ने वाला है, और अब आपके पास किराया चुकाने के लिए क्या-क्या विकल्प रह गए हैं.
RBI ने क्या नया नियम लागू किया है?
RBI ने पेमेंट एग्रीगेटर्स और गेटवे से संबंधित एक नया सर्कुलर जारी किया है, जिसके अनुसार:
पेमेंट कंपनियां (जैसे कि CRED, फोनपे, पेटीएम, आदि) सिर्फ उन्हीं व्यापारियों से लेन-देन कर सकती हैं जिनकी पूरी KYC (Know Your Customer) प्रक्रिया हो चुकी है.
इन प्लेटफॉर्म्स को अब केवल उन्हीं रिसीवर्स को भुगतान भेजने की अनुमति है, जो रजिस्टर्ड मर्चेंट माने जाते हैं.
तो मकान मालिक क्यों नहीं आते दायरे में?
क्योंकि ज्यादातर मकान मालिक व्यक्तिगत होते हैं, ना कि कोई रजिस्टर्ड व्यवसाय. ऐसे में उनकी KYC पेमेंट एग्रीगेटर के साथ नहीं होती. और इसी वजह से अब क्रेडिट कार्ड से डायरेक्ट मकान मालिक के बैंक खाते में किराया ट्रांसफर करना RBI के नियमों के खिलाफ हो गया है.
क्रेडिट कार्ड से किराया देने का चलन क्यों बढ़ा?
कुछ वर्षों में क्रेडिट कार्ड से किराया भरने का चलन बहुत तेज़ी से बढ़ा था. इसकी कुछ खास वजहें थीं:
लेकिन, कुछ लोग इसका दुरुपयोग भी करने लगे थे. उदाहरण के लिए, कुछ लोग मकान मालिक के नाम पर अपने दोस्तों या रिश्तेदारों के बैंक डिटेल्स डालकर खुद को पैसा भेजते थे और रिवॉर्ड्स का फायदा उठाते थे.
RBI को इससे क्या आपत्ति थी?
RBI को इस पूरे सिस्टम में कुछ खामियां और खतरे नजर आए:
इसलिए RBI ने इस मॉडल को "अनऑथराइज्ड बिजनेस प्रैक्टिस" माना और उस पर रोक लगाने के लिए सख्त गाइडलाइंस जारी कर दीं.
क्या बैंक पहले ही सख्ती कर रहे थे?
RBI की गाइडलाइंस से पहले भी कुछ बड़े बैंकों ने इस दिशा में कदम उठाना शुरू कर दिया था:
इसलिए बैंकों ने अपनी प्रोसेसिंग फीस भी बढ़ा दी थी. जैसे: ₹99 से ₹199 और फिर ₹200 तक.
बैंकों को लग रहा था कि इस तरह के भुगतानों से उन्हें उतनी कमाई नहीं हो रही, जितना रिस्क और कागजी काम बढ़ रहा है.
किन फिनटेक एप्स ने यह सुविधा बंद की?
नए RBI सर्कुलर के बाद इन प्रमुख ऐप्स ने क्रेडिट कार्ड से रेंट पेमेंट की सुविधा बंद कर दी है:
मार्च 2024 में कुछ एप्स ने आंशिक रूप से यह सुविधा हटाई थी, लेकिन सितंबर 2025 में यह पूरी तरह बंद कर दी गई.
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