इस्लामाबाद: पाकिस्तान में राजनीतिक हलचल के बीच सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक इमरान खान से उनकी बहन उज्मा खान की मुलाकात पर रोक लगा दी है. यह निर्णय गुरुवार को सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सार्वजनिक किया. उन्होंने स्पष्ट किया कि अब अदियाला जेल के बाहर रोजाना होने वाले प्रदर्शन और राजनीतिक गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
सरकार का मकसद- कानून-व्यवस्था बनाए रखना
सूचना मंत्री तरार ने कहा कि जेल परिसर और उसके आसपास कानून और व्यवस्था बनाए रखना सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है. उन्होंने चेतावनी दी कि जेल के बाहर किसी भी शांति भंग करने वाले व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. तरार ने यह भी कहा कि उज्मा खान को मिलने की अनुमति रोकने का निर्णय जेल में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है.
तरार ने यह भी स्पष्ट किया कि पूर्व प्रधानमंत्री की सेहत को लेकर हाल में फैलाए गए दावे बेबुनियाद और अफवाहें हैं. उन्होंने कहा कि उज्मा खान ने खुद यह स्पष्ट किया है कि इमरान खान सुरक्षित और स्वस्थ हैं. मंत्री ने यह भी कहा कि किसी कैदी को जेल में कभी जॉगिंग मशीन जैसी सुविधा नहीं दी गई है, और इस तरह की खबरें केवल राजनीतिक प्रोपेगैंडा हैं.
इमरान खान समर्थकों को कड़ी चेतावनी
सूचना मंत्री ने पीटीआई समर्थकों को चेतावनी दी कि वे जेल के बाहर किसी भी तरह की अराजक गतिविधि या प्रदर्शन करने से बचें. उन्होंने कहा, "इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि जेल के बाहर कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं. जो कोई भी शांति भंग करेगा, उसके खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जाएगी."
तरार ने पूर्व प्रधानमंत्री के विरोधी बयान और उनके समर्थकों के गतिविधियों को देश के खिलाफ प्रोपेगैंडा फैलाने वाला कदम करार दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ पीटीआई नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर झूठी खबरें फैलाईं, जिसमें इमरान खान की सेहत और जेल में उनकी स्थिति के बारे में अफवाहें फैलाई गईं.
पूर्व प्रधानमंत्री पर तीखी टिप्पणी
सूचना मंत्री ने इमरान खान पर व्यक्तिगत टिप्पणी करते हुए कहा कि उनके व्यवहार में चरित्र और स्थिरता की कमी है. तरार ने उल्लेख किया कि जब इमरान खान प्रधानमंत्री थे, तो वे कई बार मीडिया में बयान देते थे और धमकाने वाले संकेत देते थे. उन्होंने कहा कि आज भी उनका बयान अंतरराष्ट्रीय मीडिया में फैल रहा है, जिससे पाकिस्तान की छवि प्रभावित हो रही है.
तरार ने कहा, "बैठक का उद्देश्य केवल हालचाल पूछना होना चाहिए, लेकिन पीटीआई नेताओं और इमरान खान ने इसे राजनीतिक मंच और विरोध प्रकट करने के अवसर के रूप में बदल दिया. यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा."
उज्मा खान से मिलने की अनुमति रोकने का कारण
सूचना मंत्री ने बताया कि उज्मा खान की इमरान से मिलने की अनुमति रोकने का फैसला इस वजह से लिया गया कि जेल के बाहर प्रदर्शनकारियों की गतिविधियां कानून-व्यवस्था को बाधित कर रही थीं. उन्होंने कहा कि पहले भी उज्मा को 2 दिसंबर को इमरान खान से मिलने की अनुमति मिली थी, जब पीटीआई ने उनकी सेहत को लेकर चिंता जताई थी.
तरार ने स्पष्ट किया कि अब से अदियाला जेल के बाहर हर दिन कोई राजनीतिक तमाशा नहीं चलेगा. इस कदम का उद्देश्य जेल परिसर में शांति बनाए रखना और राजनीतिक उकसावे से बचना है.
अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म पर फैल रही अफवाहें
मंत्री ने आरोप लगाया कि भारतीय और अफगान मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग करके इमरान खान के स्वास्थ्य और सुरक्षा के बारे में झूठ फैलाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह प्रोपेगैंडा पाकिस्तान के खिलाफ एक रणनीति का हिस्सा है. उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार इस तरह के प्रयासों को बर्दाश्त नहीं करेगी और जेल के बाहर किसी भी उकसावे पर तुरंत कार्रवाई होगी.
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