November Vinayak Chaturthi 2025: नवंबर के महीने में मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी मनाई जाती है. इस दिन व्रत और पूजा करने से संकट दूर होते हैं और जीवन में सफलता प्राप्त होती है. परंपरा के अनुसार रात में चंद्रमा का दर्शन नहीं करना चाहिए, अन्यथा झूठा कलंक लग सकता है.
दृक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष विनायक चतुर्थी 23 नवंबर 2025 को शाम 7:24 बजे शुरू होकर 24 नवंबर की रात 9:22 बजे समाप्त होगी. व्रत के लिए यह तिथि विशेष महत्व रखती है और इसे कृच्छ चतुर्थी भी कहा जाता है.
पूजा का शुभ मुहूर्त
इस दिन पूजा करने के लिए दो घंटे से अधिक का शुभ समय उपलब्ध होगा. दिन का मुख्य मुहूर्त 11:04 बजे से 1:11 बजे तक है. इसके अलावा ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5:03 बजे से 5:57 बजे तक, शुभ-उत्तम मुहूर्त 9:29 बजे से 10:49 बजे तक और अभिजीत मुहूर्त 11:47 बजे से 12:29 बजे तक रहेगा. निशिता मुहूर्त रात 11:41 बजे से 12:35 बजे तक होगा.
रवि योग और अन्य योग
इस विनायक चतुर्थी पर रवि योग बन रहा है, जो सुबह 6:51 बजे से रात 9:53 बजे तक रहेगा. रवि योग के प्रभाव से सभी दोष दूर होते हैं और पूजा में विशेष फल मिलता है. इसके साथ ही सुबह से दोपहर 12:37 बजे तक शूल योग रहेगा और उसके बाद गण्ड योग का प्रभाव दिखाई देगा.
नक्षत्र और भद्रा का समय
प्रात:काल में पूर्वाषाढा नक्षत्र रहेगा, जो रात 9:53 बजे तक रहेगा और उसके बाद उत्तराषाढा नक्षत्र का समय शुरू होगा. इस दिन भद्रा का साया भी रहेगा, जो सुबह 8:25 बजे से रात 9:22 बजे तक रहेगा. भद्रा को पाताल लोक से जुड़ा माना जाता है.
चंद्रमा का दर्शन
विनायक चतुर्थी के दिन चंद्रमा का दर्शन नहीं करना चाहिए. इस वर्ष चंद्रोदय सुबह 10:19 बजे और चंद्रास्त रात 8:34 बजे होगा. यदि इस दौरान चंद्रमा देखा गया, तो झूठा कलंक लग सकता है.
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