बाबा वेंगा नहीं नास्त्रेदमस की ये भविष्यवाणी पढें, कौन करेगा तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत?

    Nostradamus Prediction on World War 3: विश्व मंच पर जब एक के बाद एक भू-राजनीतिक तनाव चरम पर पहुंच रहे हैं. ईरान-इज़राइल संघर्ष हो या चीन-पाकिस्तान की आक्रामक चालें ऐसे में एक बार फिर भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणियों ने दुनिया का ध्यान खींचा है.

    Nostradamus Prediction on World War 3 Viral on Social Media
    Image Source: Social Media

    Nostradamus Prediction on World War 3: विश्व मंच पर जब एक के बाद एक भू-राजनीतिक तनाव चरम पर पहुंच रहे हैं. ईरान-इज़राइल संघर्ष हो या चीन-पाकिस्तान की आक्रामक चालें ऐसे में एक बार फिर भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणियों ने दुनिया का ध्यान खींचा है. 16वीं सदी के फ्रांसीसी भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस और बाल्कन की प्रसिद्ध रहस्यदर्शी बाबा वेंगा की भविष्यवाणियों की चर्चा 2025 के संभावित तीसरे विश्व युद्ध को लेकर जोरों पर है.

    नास्त्रेदमस की चेतावनी: विनाश की कगार पर दुनिया?

    नास्त्रेदमस की चर्चित कृति Les Propheties में कई कोडित संकेत मिले हैं, जिनका संबंध वर्ष 2025 में वैश्विक संघर्ष से जोड़ा जा रहा है. उनकी भविष्यवाणी के अनुसार, यह युद्ध मानवता को भारी कीमत चुकाने पर मजबूर कर सकता है. जब दो शक्तिशाली देशों के धर्मों का टकराव होगा, तब अग्नि, रक्त और भूख का साया पूरी पृथ्वी पर छा जाएगा. विशेषज्ञों का मानना है कि यह वर्णन ईरान और इज़राइल जैसे देशों के मौजूदा हालात से मेल खाता है. साथ ही रूस, अमेरिका, चीन, तुर्किए और पाकिस्तान जैसे राष्ट्रों की भूमिका भी इस संकट को और जटिल बना सकती है.

    बाबा वेंगा की भविष्यवाणी: 2025 बना अशांति का वर्ष?

    बाबा वेंगा ने भी 2025 को लेकर अपनी भविष्यवाणियों में एक वैश्विक अशांति का संकेत दिया था. उनके अनुसार, यह वर्ष मानव सभ्यता के इतिहास में परिवर्तन की रेखा खींचेगा, जिसमें आर्थिक और सामाजिक ढांचे ढह सकते हैं. वेंगा ने लैटिन अमेरिका, यूरोप और मैक्सिको जैसे क्षेत्रों में बड़े आर्थिक झटकों की आशंका जताई थी. वर्तमान वैश्विक परिप्रेक्ष्य को देखें तो ये संकेत काफी हद तक प्रासंगिक प्रतीत होते हैं.

    कौन-कौन हो सकते हैं संभावित पक्षकार?

    हालांकि नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियों में किसी देश का नाम स्पष्ट रूप से नहीं लिया गया है, लेकिन मौजूदा हालातों पर नजर डालें तो भारत-पाकिस्तान के बीच सीमावर्ती तनाव, चीन का ताइवान और दक्षिण चीन सागर में विस्तारवादी रवैया, ईरान-इज़राइल युद्ध और तुर्किए की भूमिका इस आशंका को बल देती है. इन परिस्थितियों को देखते हुए सवाल उठना लाजमी है कि क्या ये सब सिर्फ कूटनीतिक घटनाएं हैं, या फिर तीसरे विश्व युद्ध की दस्तक?

    सिर्फ युद्ध नहीं, वैश्विक आपदा

    इस संभावित युद्ध की सबसे बड़ी कीमत आम जनता को चुकानी पड़ सकती है. विश्लेषकों का मानना है कि यदि वैश्विक संघर्ष छिड़ता है, तो उसका सीधा असर खाद्य आपूर्ति, तेल कीमतों, वैश्विक व्यापार और नौकरियों पर पड़ेगा. सामाजिक अस्थिरता, पलायन और भुखमरी जैसी समस्याएं उभर सकती हैं.

    यह भी पढ़ें: 'इजराइल पर दबाव बनाए भारत', युद्ध के बीच ईरान ने भारत से की बड़ी अपील