चीन के बेहद नजदीक नॉर्थ कोरिया ने बना लिया परमाणु मिसाइल अड्डा, छूट गए ड्रैगन के पसीने!

    एशिया में लगातार बढ़ते तनाव और वैश्विक शक्ति संघर्ष के बीच, उत्तर कोरिया ने चुपचाप एक ऐसा कदम उठा लिया है जो पूरी दुनिया के लिए चिंता का कारण बन सकता है. अमेरिकी थिंक टैंक की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, किम जोंग उन के शासन ने चीन सीमा के करीब एक अत्यंत गोपनीय सैन्य बेस तैयार किया है.

    North Korea built secret base near china also deployed nuclear missile
    चीन के बेहद नजदीक नॉर्थ कोरिया ने बना लिया परमाणु मिसाइल अड्डा

    एशिया में लगातार बढ़ते तनाव और वैश्विक शक्ति संघर्ष के बीच, उत्तर कोरिया ने चुपचाप एक ऐसा कदम उठा लिया है जो पूरी दुनिया के लिए चिंता का कारण बन सकता है. अमेरिकी थिंक टैंक की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, किम जोंग उन के शासन ने चीन सीमा के करीब एक अत्यंत गोपनीय सैन्य बेस तैयार किया है, जिसका नाम सिनपुंग-डांग है. इस अड्डे को उत्तर कोरिया ने रणनीतिक रूप से ऐसे स्थान पर बनाया है, जहां से वो अपने दुश्मनों को चौंकाने वाली गति और शक्ति से जवाब दे सकता है.

    यह गुप्त सैन्य बेस उत्तर प्योंगयांग क्षेत्र में एक द्वीप के पास स्थित है. चीन की सीमा से इसकी दूरी लगभग 27 किलोमीटर है, अमेरिका से लगभग 7000 किलोमीटर दूर, जबकि जापान और दक्षिण कोरिया जैसे क्षेत्रीय दुश्मन देशों से यह महज़ 100 किलोमीटर की दूरी पर है. यही भौगोलिक स्थिति इसे सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण बना देती है.

    क्या है इस बेस की ताकत?

    रिपोर्ट के मुताबिक, सिनपुंग-डांग बेस में कम से कम 9 परमाणु मिसाइलों और उनके लॉन्चर को तैनात किया गया है. यह बेस इतनी गोपनीयता से तैयार किया गया है कि इसमें भूमिगत सुरंगों और शेल्टर सिस्टम की भी व्यवस्था है, जिससे मिसाइलें किसी भी वक्त लॉन्च की जा सकती हैं. थिंक टैंक का दावा है कि यह स्थल 15 से अधिक मिसाइलों को एक साथ रखने में सक्षम है और इसका कुल क्षेत्रफल लगभग 22 वर्ग किलोमीटर है.

    कैसे बना ये सीक्रेट बेस?

    इस सैन्य अड्डे के निर्माण की प्रक्रिया 2004 में शुरू हुई थी और 2014 में इसे सक्रिय किया गया. शुरुआती दौर में इस स्थान को पेड़ों और झाड़ियों से ढका गया था, ताकि उपग्रह तस्वीरों से भी इसकी पहचान न हो सके. अब यह बेस पूरी तरह तैयार और ऑपरेशनल है, जहां उत्तर कोरिया के सैनिकों की स्थायी तैनाती है.

    क्यों चुना गया यह स्थान?

    सिनपुंग-डांग को जिस स्थान पर बनाया गया है, वह सीधे चीन की सीमा के पास स्थित है. जानकारों का मानना है कि इस क्षेत्र का चयन रणनीतिक सुरक्षा कवच के तौर पर किया गया है. उत्तर कोरिया का मानना है कि यदि अमेरिका या उसके सहयोगी इस बेस को निशाना बनाते हैं, तो इसका प्रभाव सीधे चीन पर पड़ेगा. ऐसी स्थिति में चीन भी इस संघर्ष में शामिल हो सकता है, जिससे मामला एक क्षेत्रीय युद्ध से बढ़कर वैश्विक युद्ध की शक्ल ले सकता है.

    उत्तर कोरिया का परमाणु स्टॉक

    स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च संस्थान के अनुसार, उत्तर कोरिया के पास इस समय लगभग 50 परमाणु हथियार हैं. ये हथियार इतनी विध्वंसक क्षमता रखते हैं कि किसी भी युद्ध की दिशा और परिणाम दोनों बदल सकते हैं.

    किन देशों से है दुश्मनी?

    उत्तर कोरिया के सबसे बड़े विरोधियों में शामिल हैं:

    • दक्षिण कोरिया
    • जापान
    • अमेरिका संभावित रूप से फिलीपींस भी युद्ध की स्थिति में इन देशों की सहयोगी भूमिका में आ सकता है, क्योंकि यह अमेरिका के एशियाई गठबंधन का हिस्सा है.

    "हम कभी परमाणु हथियार नहीं छोड़ेंगे"

    उत्तर कोरिया की रणनीति सिर्फ हथियार बनाना नहीं, बल्कि उन्हें अपनी सबसे बड़ी ताकत मानना है. किम जोंग उन की बहन ने स्पष्ट रूप से कहा है कि उनका देश अपने परमाणु हथियारों को कभी भी नष्ट नहीं करेगा और किसी भी प्रकार के दबाव के आगे नहीं झुकेगा.

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