नीतीश कुमार का बड़ा ऐलान, 2025 तक 50 लाख नौकरियों के बाद अब 2030 तक एक करोड़ लोगों को देंगे रोजगार

    बिहार की सियासी हवा गर्म है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुनावी बिसात पर एक और बड़ा दांव चला है. इस बार मुद्दा है युवाओं का भविष्य.

    Nitish Kumar big announcement employment by 2030
    नीतीश कुमार | Photo: ANI

    बिहार की सियासी हवा गर्म है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुनावी बिसात पर एक और बड़ा दांव चला है. इस बार मुद्दा है युवाओं का भविष्य. सरकारी नौकरी और रोजगार के वादों की झड़ी लगाते हुए नीतीश ने साफ कर दिया है कि वे सिर्फ सत्ता में बने रहने नहीं, बल्कि अपने रिकॉर्ड को दोगुना करने की तैयारी में हैं.

    सोशल मीडिया पर उन्होंने दावा किया कि अगस्त 2025 तक 12 लाख सरकारी नौकरियां और 38 लाख रोजगार देने का जो वादा किया गया था, वह अब लगभग पूरा हो चुका है. उनके मुताबिक, अब तक 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी जा चुकी है और करीब 39 लाख लोगों को अलग-अलग माध्यमों से रोजगार मिला है. यानी कुल आंकड़ा 49 लाख को छू चुका है, और बचे हुए महीनों में 50 लाख का लक्ष्य भी निश्चित रूप से हासिल कर लिया जाएगा.

    एक करोड़ का नया वादा, 2030 का नया लक्ष्य

    इतना ही नहीं, नीतीश कुमार अब अगले पांच साल यानी 2025 से 2030 तक के लिए और भी बड़ा वादा लेकर आए हैं. उन्होंने कहा है कि अगले चरण में एक करोड़ युवाओं को नौकरी और रोजगार देने का लक्ष्य तय किया गया है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकारी भर्तियों के साथ-साथ निजी क्षेत्र, खासकर औद्योगिक क्षेत्रों में भी नए अवसर पैदा किए जाएंगे. इसके लिए एक उच्चस्तरीय समिति के गठन की बात भी कही गई है.

    पहले भी किए हैं रोजगार के बड़े ऐलान

    सीएम नीतीश ने याद दिलाया कि 2005 से 2020 के बीच राज्य में 8 लाख से ज्यादा युवाओं को सरकारी नौकरियां दी गई थीं. फिर 2020 में ‘सात निश्चय-2’ कार्यक्रम के तहत 10 लाख सरकारी नौकरियों और 10 लाख अन्य रोजगारों का संकल्प लिया गया था, जिसे बाद में संशोधित कर 12 लाख नौकरियों और 38 लाख रोजगारों तक बढ़ाया गया.

    चुनाव से पहले नीतीश की तैयारी पूरी

    इस घोषणा को बिहार चुनाव की रणनीति से भी जोड़कर देखा जा रहा है. कुछ दिन पहले ही सरकार ने पेंशनधारकों के लिए पेंशन राशि में इजाफा किया था, जिससे बुजुर्ग मतदाताओं को साधा गया. अब नौजवानों की बारी है. सरकार चाहती है कि नौकरी और रोजगार के वादों के जरिए युवा मतदाता भी उनके पक्ष में आ खड़े हों.

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