नेतन्याहू की सेना ने कर दी बगावत, गाजा पर हमले का करने लगे विरोध; 1000 सैनिकों को IDF ने भगाया

    इजरायल ने गुरुवार को गाजा युद्ध को खत्म करने और बंधकों की रिहाई के लिए हमास से बातचीत की मांग करने वाले 1000 से अधिक रिज़र्व सैनिकों को बर्खास्त कर दिया.

    Netanyahu army rebelled against attack on Gaza IDF
    नेतन्याहू | Photo: ANI

    इजरायल ने गुरुवार को गाजा युद्ध को खत्म करने और बंधकों की रिहाई के लिए हमास से बातचीत की मांग करने वाले 1000 से अधिक रिज़र्व सैनिकों को बर्खास्त कर दिया. इन सैनिकों ने एक खुला पत्र जारी कर इजरायल सरकार से हमास से समझौते की मांग की थी. यह पत्र 10 अप्रैल को प्रमुख इजरायली अखबारों में प्रकाशित हुआ था. इस पत्र को देश में गाजा युद्ध के खिलाफ बढ़ते गुस्से के रूप में देखा जा रहा है.

    युद्ध अब देश के लिए नहीं, नेताओं के लिए है

    पत्र में कहा गया था कि अब यह युद्ध इजरायल की सुरक्षा के लिए नहीं, बल्कि राजनेताओं के निजी फायदे के लिए लड़ा जा रहा है. इस पत्र पर पायलटों, एयरक्रू और कुछ पूर्व सीनियर सैन्य अधिकारियों ने भी हस्ताक्षर किए थे — जिनमें पूर्व IDF प्रमुख डैन हलुट्ज़ और मेजर जनरल निम्रोद शेफर भी शामिल हैं.

    इनका कहना है कि अब इस युद्ध से बंधकों, सैनिकों और आम नागरिकों की जान को खतरा हो गया है, और यह अपने सैन्य लक्ष्य भी हासिल नहीं कर पा रहा.

    बंधकों की हालत खराब, केवल 24 के ज़िंदा होने की आशंका

    पत्र में यह भी कहा गया कि हमास के कब्जे में अभी 59 इजरायली बंधक हैं, लेकिन अंदाज़ा है कि सिर्फ 24 ही ज़िंदा बचे हैं. इस वजह से बंधकों के परिवार लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं और सरकार पर दबाव बना रहे हैं, लेकिन प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार फिलहाल हमास से कोई समझौता करने को तैयार नहीं है.

    सेना ने सख्त कार्रवाई की

    इस चिट्ठी के सामने आने के बाद इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) ने सख्त कदम उठाया है. IDF प्रमुख जनरल इयाल जमीर और वायुसेना प्रमुख जनरल तोमर बार ने पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले सभी सक्रिय सैनिकों को सेवा से हटा दिया. सेना ने कहा कि ड्यूटी पर रहने वाले सैनिकों का इस तरह सेना के मिशन पर सार्वजनिक रूप से सवाल उठाना गलत है.

    IDF के अनुसार, जिन 1000 लोगों ने चिट्ठी पर दस्तखत किए, उनमें से सिर्फ 60 ही सक्रिय सैनिक थे. बाकी या तो रिटायर्ड थे या सेना के रिकॉर्ड में मौजूद नहीं थे. पत्र छपने से पहले ही करीब 40 सैनिकों ने अपने हस्ताक्षर वापस ले लिए थे.

    पहले भी एक सैनिक को निकाला गया था

    इससे पहले भी एक रिज़र्व नाविक एलन गुर को बर्खास्त किया गया था. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा था कि इजरायल अपनी जनता को छोड़कर राजनीतिक हितों को ज़्यादा महत्व दे रहा है. गुर ने ये बात उस दिन कही थी जब इजरायल ने हमास के साथ एक संभावित युद्धविराम समझौते को छोड़ दिया था.

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