Hazaribagh Maoist Encounter: झारखंड में लंबे समय से सक्रिय नक्सली नेटवर्क को एक और बड़ा झटका लगा है. गिरहोर थाना क्षेत्र के पनतीतरी जंगल में सोमवार की सुबह सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में एक करोड़ के इनामी माओवादी सहदेव सोरेन को मार गिराया. इस कार्रवाई में दो अन्य माओवादी भी मारे गए हैं, जिनकी पहचान फिलहाल नहीं हो सकी है.
यह मुठभेड़ हजारीबाग, गिरिडीह पुलिस और कोबरा बटालियन की संयुक्त कार्रवाई में उस वक्त हुई, जब सुरक्षाबलों को इनपुट मिला कि सहदेव किसी बड़ी नक्सली साजिश की योजना बना रहा है.
कैसे हुआ ऑपरेशन?
सुबह-सुबह सुरक्षाबलों ने पनतीतरी के घने जंगलों में सर्च अभियान शुरू किया. विश्वसनीय सूचना के आधार पर टीम ने मोर्चा संभाला और जल्द ही माओवादियों से मुठभेड़ शुरू हो गई. झड़प के बाद जब जंगल को खंगाला गया, तो तीन शव बरामद हुए, जिनमें से एक की पहचान अनुज उर्फ सहदेव सोरेन के रूप में हुई. घटनास्थल से तीन एके-47 राइफल्स भी बरामद की गई हैं, जिससे यह साफ है कि माओवादी किसी बड़े हमले की फिराक में थे.
सहदेव सोरेन, झारखंड पुलिस के लिए मोस्ट वांटेड
मारा गया माओवादी हजारीबाग जिले के विष्णुगढ़ थाना क्षेत्र के मंदेरी गांव का रहने वाला था और माओवादी संगठन की केंद्रीय कमेटी का सदस्य था. उस पर झारखंड सरकार ने एक करोड़ रुपये का इनाम घोषित कर रखा था.
सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि सहदेव सोरेन झारखंड और सीमावर्ती क्षेत्रों में कई नक्सली घटनाओं का मास्टरमाइंड रहा है. उसकी मौत को नक्सल नेटवर्क के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.
छह महीने में दूसरी बड़ी सफलता
सिर्फ छह महीने पहले, 21 अप्रैल को बोकारो के ललपनिया में, सुरक्षाबलों ने एक करोड़ के इनामी माओवादी विवेक उर्फ प्रयाग मांझी समेत आठ माओवादियों को ढेर किया था. और अब, सहदेव सोरेन की मौत से एक बार फिर सुरक्षाबलों की रणनीति और इंटेलिजेंस सिस्टम की कारगरता सामने आई है.
अब सिर्फ तीन बचे हैं एक करोड़ के इनामी
सहदेव की मौत के बाद अब झारखंड में तीन ऐसे माओवादी बचे हैं, जिन पर एक-एक करोड़ का इनाम घोषित है:
मिसिर बेसरा उर्फ भास्कर
असीम मंडल उर्फ आकाश
अनल उर्फ तूफान उर्फ पतिराम मांझी
पुलिस की बड़ी कामयाबी, सर्च ऑपरेशन जारी
हजारीबाग और गिरिडीह के पुलिस अधीक्षक समेत वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर मौजूद हैं और इलाके में अब भी सघन सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है. पुलिस मुख्यालय ने इस कार्रवाई को "सुरक्षा बलों की बड़ी उपलब्धि" बताया है और इसे राज्य में नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में एक निर्णायक कदम माना है.
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