Naxalism In Jharkhand: देश के आंतरिक सुरक्षा परिदृश्य में सोमवार का दिन ऐतिहासिक रहा. झारखंड के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में दशकों से फैले उग्रवाद पर अब निर्णायक प्रहार होता दिख रहा है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ऐलान किया है कि झारखंड के बोकारो क्षेत्र से नक्सलवाद का पूर्ण सफाया हो चुका है. यह दावा तब आया जब सुरक्षा बलों ने राज्य के हजारीबाग जिले में हुई एक सटीक मुठभेड़ में माओवादी संगठन के तीन शीर्ष कमांडरों को मार गिराया.
गृह मंत्री शाह ने ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए बताया कि केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) की कोबरा बटालियन और झारखंड पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में यह बड़ी सफलता मिली है. मारे गए माओवादियों में सहदेव सोरेन उर्फ परवेश शामिल है, जो भाकपा (माओवादी) की केंद्रीय समिति का सदस्य था और उस पर ₹1 करोड़ का इनाम घोषित था.
आज झारखंड के हजारीबाग में CRPF की कोबरा बटालियन और राज्य पुलिस की जॉइंट टीम को एंटी नक्सल ऑपरेशन में बड़ी कामयाबी मिली है। इस अभियान में ₹1 करोड़ का इनामी, कुख्यात नक्सली कमांडर सीसीएम सहदेव सोरेन उर्फ परवेश को ढ़ेर कर दिया गया है। साथ ही, दो अन्य इनामी नक्सलियों- रघुनाथ…
— Amit Shah (@AmitShah) September 15, 2025
तीन वांछित माओवादी ढेर, बोकारो क्षेत्र 'नक्सल फ्री' घोषित
इस कार्रवाई में दो अन्य कुख्यात माओवादी, रघुनाथ हेम्ब्रम उर्फ चंचल और बीरसेन गंझू उर्फ रामखेलावन भी मारे गए. ये दोनों भी लंबे समय से सुरक्षा एजेंसियों की हिट लिस्ट में थे और इन पर भी इनाम घोषित था. गृह मंत्री ने कहा कि इन कार्रवाइयों के बाद बोकारो को औपचारिक रूप से नक्सल मुक्त घोषित किया गया है, जो उत्तरी झारखंड में एक समय नक्सलवाद का मजबूत गढ़ हुआ करता था.
2026 तक देश से नक्सलवाद खत्म करने का लक्ष्य
गृह मंत्री अमित शाह ने दोहराया कि केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि 31 मार्च 2026 तक देश को नक्सलवाद की समस्या से पूरी तरह मुक्त कर दिया जाए. उन्होंने यह भी कहा कि सुरक्षा बल, राज्य सरकारें और केंद्र मिलकर जिस प्रकार से अभियान चला रहे हैं, वह इस दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा.
सुरक्षा एजेंसियों की रणनीति रंग ला रही है
विशेषज्ञों का मानना है कि हालिया सफलता सरकार की ‘हार्ट-हिटिंग, ग्राउंड-लेवल इंटेलिजेंस ड्रिवन’ रणनीति का नतीजा है. पहले की तरह केवल जवाबी कार्रवाई के बजाय अब सुरक्षा बल ठोस खुफिया जानकारी के आधार पर प्रोएक्टिव ऑपरेशन चला रहे हैं. कोबरा बटालियन और राज्य पुलिस की यह संयुक्त कार्रवाई उसी रणनीति का प्रमाण है.