नौसेना ने वॉरशिप को अलर्ट पर रखा, अरब सागर में एंटी एयरक्राफ्ट और एंटी शिप फायरिंग की प्रैक्टिस की

    कश्मीर के पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले को आठ दिन बीत चुके हैं, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों और सेना की तैयारी अब भी पूरी मुस्तैदी से जारी है. जहां एक ओर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) हमले की तह तक पहुंचने के लिए जमीनी पड़ताल में जुटी है, वहीं दूसरी तरफ भारत की नौसेना और कोस्ट गार्ड ने समुद्री मोर्चे पर चौकसी और तेज़ कर दी है.

    Navy puts warships on alert practises anti-aircraft and anti-ship firing in Arabian Sea
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- ANI

    नई दिल्ली: कश्मीर के पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले को आठ दिन बीत चुके हैं, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों और सेना की तैयारी अब भी पूरी मुस्तैदी से जारी है. जहां एक ओर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) हमले की तह तक पहुंचने के लिए जमीनी पड़ताल में जुटी है, वहीं दूसरी तरफ भारत की नौसेना और कोस्ट गार्ड ने समुद्री मोर्चे पर चौकसी और तेज़ कर दी है.

    समुद्र में पूरी तरह चौकस है भारतीय नौसेना

    न्यूज़ एजेंसी ANI के मुताबिक, भारतीय नौसेना ने अरब सागर में अपने जंगी बेड़े को पूरी तरह हाई अलर्ट पर रखा है. पिछले दिनों नौसेना ने वहां एंटी-शिप और एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइलों की लाइव फायरिंग प्रैक्टिस भी की. यह अभ्यास इसलिए अहम माना जा रहा है क्योंकि सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि पाकिस्तान किसी भी मोर्चे से हरकत कर सकता है.

    गुजरात के तटीय इलाकों के पास भारतीय तटरक्षक बल (Coast Guard) की भी तैनाती बढ़ा दी गई है, जिससे समुद्री सीमा पर चौकसी और निगरानी पुख्ता बनी रहे.

    NIA प्रमुख पहुंचे पहलगाम

    इस बीच, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) प्रमुख सदानंद दाते गुरुवार को पहलगाम पहुंचे. उन्होंने आतंकी हमले की जांच के लिए मौके का निरीक्षण किया और टीम को 3डी मैपिंग के निर्देश दिए. यह तकनीक हमले की बारीक पड़ताल और आतंकियों की मूवमेंट को समझने के लिए इस्तेमाल की जा रही है.

    जांच में यह भी सामने आया है कि आतंकियों ने हमले से पहले चार अलग-अलग लोकेशनों की रेकी की थी—बायसरन, अरु वैली, बेताब वैली और एक स्थानीय एम्यूज़मेंट पार्क. इससे साफ है कि हमला पूर्वनियोजित था और इसे अंजाम देने में पूरी योजना बनाई गई थी.

    सीमा पर फिर से फहराए पाकिस्तानी झंडे

    दूसरी ओर, पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अपनी चौकियों पर फिर से झंडे फहरा दिए हैं, जिन्हें हाल ही में हटाया गया था. यह कदम भारत की सैन्य तैयारियों और कूटनीतिक प्रयासों के बीच आया है.

    पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अमेरिका से मदद की गुहार लगाते हुए कहा है कि भारत को “जिम्मेदारी से पेश आने और बयानबाज़ी से बचने” के लिए अमेरिका दबाव डाले.

    हालांकि, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने बुधवार रात शहबाज शरीफ और भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर दोनों से फोन पर बातचीत की और साफ कहा कि अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ खड़ा है. रुबियो ने पहलगाम हमले की निंदा करते हुए इसे क्षेत्रीय स्थिरता के लिए गंभीर खतरा बताया.

    भारत का कड़ा संदेश

    भारत की सैन्य तैयारी सिर्फ ज़मीनी सीमा तक सीमित नहीं है. अरब सागर में नौसेना की सक्रियता और मिसाइल अभ्यास साफ संकेत देता है कि भारत हर प्रकार के खतरे के प्रति सतर्क है—चाहे वह समुद्री हो, वायवीय या ज़मीनी.

    वहीं, NIA की तकनीकी जांच और आतंकियों के मूवमेंट को लेकर की जा रही बारीकी से पड़ताल इस बात की ओर इशारा करती है कि इस बार भारत न सिर्फ जवाब देने के मूड में है, बल्कि हमले की जड़ तक पहुंचकर आतंक के नेटवर्क को जड़ से उखाड़ने की रणनीति पर काम कर रहा है.

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