Navi Mumbai: महाराष्ट्र के नवी मुंबई से एक दिल को झकझोर देने वाली खबर सामने आई है. पनवेल इलाके में एक नवजात बच्ची को उसके माता-पिता ने लावारिस हालत में सड़क किनारे छोड़ दिया. बच्ची को एक नीली टोकरी में रखा गया था, जिसके साथ एक भावुक और माफी मांगता खत भी मिला. इस घटना ने न सिर्फ पुलिस बल्कि आम जनता को भी गहरे सोचने पर मजबूर कर दिया है.
मां-बाप ने नोट में क्या लिखा?
शनिवार को पनवेल के टक्का कॉलोनी इलाके में स्थानीय लोगों ने एक टोकरी में कुछ हलचल देखी. जब पास जाकर देखा गया, तो उसमें एक नवजात बच्ची थी. साथ में एक छोटा सा नोट रखा था जिसमें बच्ची के मां-बाप ने लिखा था वे बेहद गरीब है. इसलिए वह बच्ची को पालने में सक्षम नहीं हैं. इसी कारण से उन्हें यह कदम उठाना पड़ रहा है. यानी माता-पिता ने गरीबी का हवाला देकर अपनी लाचारी जताई और बच्ची को छोड़ने की माफी मांगी.
पुलिस ने संभाली जिम्मेदारी
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और बच्ची को तत्काल अपने संरक्षण में लेकर नजदीकी अस्पताल पहुंचाया. डॉक्टरों की टीम ने बच्ची की जांच की और उसकी हालत को स्थिर बताया है. फिलहाल बच्ची पूरी तरह सुरक्षित है और अस्पताल की देखरेख में है.
बचाव से लेकर जांच तक
पुलिस ने बच्ची को छोड़ने वालों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है. इसके साथ ही इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि बच्ची को वहां किसने छोड़ा. पुलिस का कहना है कि बच्ची के माता-पिता या अन्य जिम्मेदार लोगों का जल्द ही पता लगा लिया जाएगा.
क्या गरीबी इंसानियत से बड़ी है?
यह घटना केवल एक कानूनी मामला नहीं, बल्कि सामाजिक और मानवीय चेतना के लिए एक गंभीर सवाल भी है. क्या गरीबी के कारण एक नवजात को यूं सड़क पर छोड़ देना माफ किया जा सकता है? क्या हमारी व्यवस्था इतनी कमजोर है कि कोई माता-पिता अपनी औलाद को त्यागने पर मजबूर हो जाएं?
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