कोविड महामारी का खौफ अभी भी लोगों के दिमाग में गहरे तरीके से बैठा हुआ है, जिससे वे नए वायरस का नाम सुनते ही चिंता में आ जाते हैं. कोविड ने दुनियाभर में जो तबाही मचाई थी, वह अब भी लोगों के जेहन में है. इसी बीच, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पोस्ट्स में यह दावा किया जाने लगा कि रूस में एक नया और खतरनाक वायरस फैल रहा है. इस वायरस के बारे में कहा जा रहा है कि यह कोविड की तरह ही खतरनाक है, और इसकी चपेट में आने पर लोगों को तेज बुखार, खांसी और खून आने जैसी समस्याएं हो रही हैं. इतना ही नहीं, कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया कि इस वायरस के खिलाफ पावरफुल एंटीबायोटिक दवाएं भी बेअसर हो रही हैं.
वायरस के फैलने की खबरों को झूठा और अफवाह बताया
ब्रिटिश वेबसाइट डेलीमेल के मुताबिक, रूस में इस नए वायरस के फैलने की रिपोर्ट्स कई दिनों से सामने आ रही थीं. इसके बाद रूस की पब्लिक हेल्थ एजेंसी को इस पर प्रतिक्रिया देनी पड़ी. एजेंसी ने इस वायरस के फैलने की खबरों को झूठा और अफवाह बताया है. रसियन एकेडमी ऑफ साइंस के गेनेडी ओनिशेंको ने TASS न्यूज एजेंसी से कहा कि रूस में इंफ्लुएंजा वायरस से निपटने के लिए एक अलग से इंस्टीट्यूट है, और अब तक रूस के वैज्ञानिकों को किसी नए वायरस का कोई संकेत नहीं मिला है.
नए वायरस के फैलने की चर्चा कहां से शुरू हुई?
दरअसल, एक सोशल मीडिया पोस्ट में यह दावा किया गया कि रूस की एक महिला कई हफ्तों से बुखार और खांसी से जूझ रही थी. खांसी के दौरान उसके मुंह से खून भी आ रहा था. जब उसने कोविड और फ्लू का टेस्ट कराया, तो वह नेगेटिव आया. शुरुआत में उसे हल्का दर्द और कमजोरी महसूस हुई, लेकिन कुछ दिनों बाद उसका हाल और खराब हो गया, और वह महिला बिस्तर पर पड़ गई. उसे तेज बुखार और खांसी में खून आने लगा. तमाम एंटीबायोटिक दवाएं लेने के बावजूद कोई फर्क नहीं पड़ा, और डॉक्टरों ने इसे एक नए वायरस का मामला बताया. इसी तरह के और भी मामले सामने आने की बात की गई, जिसके बाद यह खबर तेजी से वायरल हो गई.
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