मुंबई में यातायात व्यवस्था को और भी स्मार्ट और कनेक्टेड बनाने के लिए मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (MMRC) ने एक बड़ी भूमिगत सुरंग योजना की घोषणा की है. यह योजना शहर की ट्रैफिक समस्याओं को हल करने के साथ-साथ यात्रियों को मेट्रो और बुलेट ट्रेन जैसी प्रमुख परिवहन सुविधाओं के बीच seamless कनेक्टिविटी प्रदान करेगी. इस योजना के तहत, एक 3 किलोमीटर लंबी भूमिगत सुरंग बनाई जाएगी, जो मेट्रो लाइन-3 के साइंस सेंटर और BKC स्टेशन को जोड़ते हुए यात्रियों को प्रमुख व्यावसायिक और सांस्कृतिक केंद्रों तक सीधे पहुंचने की सुविधा देगी.
नेहरू तारामंडल तक 500 मीटर का पैदल सुरंग लिंक
MMRC के मुताबिक, यह परियोजना नेहरू तारामंडल के लिए एक छोटा पैदल सुरंग लिंक भी बनाएगी, जो साइंस सेंटर स्टेशन से नेहरू तारामंडल तक 500 मीटर लंबा होगा. इस सुरंग से पर्यटकों के लिए नए रास्ते खुलेंगे, और यह क्षेत्र की भीड़-भाड़ को कम करेगा. साथ ही, यह सुरंग पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए एक सुलभ मार्ग प्रदान करेगी, जिससे वे आसानी से सांस्कृतिक परिसर और प्रमुख सार्वजनिक स्थलों तक पहुंच सकेंगे.
यात्री कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने की पहल
इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य फर्स्ट और लास्ट माइल कनेक्टिविटी को बेहतर बनाना है. सुरंगों का निर्माण शहर की भीड़-भाड़ को कम करेगा, और पैदल यात्रियों के लिए सुरक्षित एवं निर्बाध मार्ग प्रदान करेगा. इन सुरंगों में एस्केलेटर और लिफ्ट जैसी सुविधाएं होंगी, ताकि यात्री, वरिष्ठ नागरिक और पर्यटक बिना किसी परेशानी के अपने गंतव्य तक पहुंच सकें.
मेट्रो-से-बुलेट ट्रेन कॉरिडोर का कनेक्शन
इस योजना में सबसे लंबी सुरंग बीकेसी में प्रस्तावित है, जो मेट्रो लाइन-3 को मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन टर्मिनल से सीधे जोड़ती है. यह 1.4 किलोमीटर लंबी सुरंग यात्रियों को मेट्रो और बुलेट ट्रेन के बीच बिना बाहर निकले स्विच करने का विकल्प देगी, जिससे अंतर-शहर कनेक्टिविटी में सुधार होगा और यात्री जल्दी अपनी मंजिल तक पहुंच सकेंगे.
परियोजना की लागत और पूरा होने की समयसीमा
इस परियोजना की अनुमानित लागत ₹250 करोड़ के आसपास है, और इसे BMC और MMRC के बीच साझा किया जाएगा. दोनों एजेंसियों ने इस प्रस्ताव पर चर्चा की है और इसे अंतिम रूप दिया है. निर्माण कार्य 2029-30 तक पूरा होने की उम्मीद है.
वर्ली-प्रोमेनेड सुरंग से यातायात होगा और भी सुगम
साइंस सेंटर से वर्ली प्रोमेनेड तक 1.1 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाई जाएगी, जो महालक्ष्मी रेसकोर्स के नीचे से गुजरते हुए प्रमुख तटीय इलाकों में लोगों की आवाजाही को आसान बनाएगी. यह सुरंग वर्ली क्षेत्र में भीड़-भाड़ कम करने में मदद करेगी और कार्यालय जाने वाले कर्मचारियों के लिए एक सुरक्षित, तेज और सुविधाजनक मार्ग प्रदान करेगी.
सुरंगों का डिज़ाइन और सुरक्षा उपाय
यह भूमिगत सुरंगें लगभग 5 मीटर चौड़ी होंगी, और इसमें सुरक्षा के सभी उपायों को ध्यान में रखते हुए एस्केलेटर और लिफ्ट की सुविधा होगी. सुरक्षा के लिहाज से इन सुरंगों को सभी मौसम में प्रयोग करने योग्य बनाया जाएगा, ताकि यात्रियों को किसी भी तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े.
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