घुसपैठियों को रोकने के लिए भारत और नेपाल की बड़ी पहल, दोनों देश अब मिलकर करेंगे ये काम

    India Nepal Border: भारत और नेपाल की 1,880 किलोमीटर लंबी खुली सीमा दशकों से दोनों देशों के बीच दोस्ती और मुक्त आवागमन का प्रतीक रही है. लेकिन हाल के महीनों में पाकिस्तान, चीन और ब्रिटेन जैसे तीसरे देशों के नागरिकों की बढ़ती अवैध घुसपैठ ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है.

    Big initiative by India and Nepal to stop infiltrators security agencies
    Image Source: ANI/ File

    India Nepal Border: भारत और नेपाल की 1,880 किलोमीटर लंबी खुली सीमा दशकों से दोनों देशों के बीच दोस्ती और मुक्त आवागमन का प्रतीक रही है. लेकिन हाल के महीनों में पाकिस्तान, चीन और ब्रिटेन जैसे तीसरे देशों के नागरिकों की बढ़ती अवैध घुसपैठ ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है. दोनों देशों ने अब सीमा पर निगरानी तेज करने, खुफिया जानकारी साझा करने और बिना वीज़ा आने वालों पर सख्त कार्रवाई करने का निर्णय लिया है.

    एसएसबी और नेपाल पुलिस के अनुसार कई विदेशी नागरिक खुली सीमा का गलत फायदा उठाकर बिना पासपोर्ट और वीज़ा के भारत में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं. 15 नवंबर को नेपाल बॉर्डर से दो ब्रिटिश नागरिक पकड़े गए, जिनमें से एक पाकिस्तानी मूल का था. इसके अलावा कई चीनी नागरिक भी नेपाल होते हुए अवैध रूप से भारत में घुसते पाए गए हैं.

    अवैध प्रवेश पर सख्त सजा

    बहराइच में पकड़ी गई एक चीनी महिला को कोर्ट ने आठ साल जेल और ₹50,000 जुर्माना सुनाया. चीन के दूतावास ने भी अपने नागरिकों को चेतावनी दी है कि गलती से भी भारत सीमा में प्रवेश करने पर गिरफ्तारी तय है. भारत में बिना वीज़ा और पासपोर्ट प्रवेश करने पर पांच साल तक जेल और ₹5 लाख तक जुर्माना हो सकता है. नेपाल का इमिग्रेशन एक्ट भी इसी तरह की सख्ती करता है, जिसमें बिना वीज़ा प्रवेश पर पांच साल जेल और ₹50,000 जुर्माना का प्रावधान है.

    निगरानी और इंटेलिजेंस ऑपरेशन को मजबूत किया जाएगा

    नेपाल के गृह मंत्रालय के संयुक्त प्रवक्ता रविन्द्र आचार्य के मुताबिक भारत और नेपाल ने मिलकर सीमा पर निगरानी बढ़ाने और इंटेलिजेंस ऑपरेशन को मजबूत करने का निर्णय लिया है. अब सीमा से आने-जाने वाले विदेशी नागरिकों का पूरा रिकॉर्ड रखा जाएगा और स्थानीय स्तर पर जानकारी जुटाने के लिए सुरक्षा तंत्र को सक्रिय किया जाएगा.

    सीमा पर बड़ी तैनाती और सख्त नियम

    नेपाल-भारत सीमा पर 250 से ज्यादा चौकियां हैं, जहां करीब 9,000 सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं. नेपाल के एपीएफ अधिकारियों का कहना है कि कई लोग अनजाने में बॉर्डर पार कर जाते हैं, लेकिन कई मामलों में घुसपैठ जानबूझकर की जाती है. नेपाल पहले भी कई विदेशी नागरिकों को पकड़कर वापस भेज चुका है, जिनमें भूटानी शरणार्थी भी शामिल हैं.

    खुली सीमा पर सुरक्षा की जरूरत क्यों बढ़ी

    इस खुली सीमा का फायदा अब सिर्फ आम नागरिक नहीं, बल्कि नशा तस्कर, मानव तस्कर, फर्जी दस्तावेज वाले विदेशी नागरिक और संदिग्ध गतिविधियों में शामिल लोग भी उठा रहे हैं. यही वजह है कि भारत और नेपाल ने तय किया है कि घुसपैठ रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की जाएगी और किसी भी संदिग्ध मूवमेंट पर तुरंत जानकारी साझा की जाएगी.

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