UP News: उत्तर प्रदेश की औद्योगिक तस्वीर अब पूरी तरह बदलने जा रही है. योगी सरकार ने प्रदेश के छोटे और मध्यम उद्यमों (MSME) को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए ‘एमएसएमई चैम्पियनशिप इनीशिएटिव’ नामक एक क्रांतिकारी पहल की है. इस योजना का उद्देश्य है: काबिल, आत्मनिर्भर और संभावनाशील MSME इकाइयों को पहचानकर उन्हें तकनीक, वित्त और मार्केटिंग के क्षेत्र में विशेष सहयोग देना.
क्या है इस योजना का मकसद?
यह योजना उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम लिमिटेड (UPSIC) द्वारा प्रस्तावित की गई थी, जिसे राज्य सरकार से हरी झंडी मिल चुकी है. इसका फोकस है MSME सेक्टर की उन इकाइयों को "चैम्पियन" बनाना, जो न केवल खुद मजबूत हैं बल्कि दूसरों के लिए रोल मॉडल भी बन सकती हैं.
कैसे चुनी जाएंगी ‘चैम्पियन’ इकाइयां?
हर सेक्टर से कुछ बेहतरीन इकाइयों का चयन किया जाएगा. चुनाव के लिए मापदंड तय किए गए हैं:
कारोबार में निरंतर वृद्धि
स्वामित्व वाली जमीन पर संचालन
अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग
उच्च गुणवत्ता वाला उत्पादन
विकास की स्पष्ट संभावना
चयनित इकाइयों को रॉ मटेरियल, तकनीक और बाजार में पहुंच के लिए सरकार से सीधा सहयोग मिलेगा.
तकनीकी कौशल में बढ़त
इस योजना का एक और शानदार पहलू है—फ्री तकनीकी कोर्स. MSME संचालकों के लिए UPSIC ने साइबर सिक्योरिटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसे आधुनिक विषयों पर कोर्स लॉन्च किए हैं, जो उनके व्यवसाय को भविष्य के लिए तैयार करेंगे.
लागू करने की प्रक्रिया
अगस्त तक राज्यभर में अधिकारियों की टीमें हितधारकों से संवाद करेंगी. दीपावली से पहले आवेदन फॉर्म जारी होंगे, और साल के अंत तक चैम्पियन इकाइयों का चयन शुरू हो जाएगा.
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