लंदन/ढाका: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने भारत के साथ संबंधों को लेकर एक बार फिर नाराज़गी जताई है. लंदन में चैथम हाउस (रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स) में आयोजित एक संवाद के दौरान यूनुस ने कहा कि वे भारत के साथ मजबूत रिश्ते बनाना चाहते हैं, लेकिन बार-बार परिस्थितियां ऐसी बन जाती हैं जो इस प्रयास में बाधा डालती हैं.
भारत से अच्छे संबंधों की इच्छा
यूनुस ने कहा, 'हम भारत के साथ मधुर संबंध बनाना चाहते हैं. भारत हमारा पड़ोसी है और हम उसके साथ किसी भी तरह की मूलभूत समस्या नहीं रखना चाहते. लेकिन अक्सर ऐसा होता है कि हम कुछ और सोचते हैं और कुछ और देखने को मिलता है.'
उनके मुताबिक, भारतीय मीडिया में बांग्लादेश को लेकर कई 'गलत खबरें' चलाई जाती हैं, जो सीधे तौर पर भारत की नीतिगत सोच को दर्शाती हैं. उन्होंने कहा, 'यह बहुत परेशान करने वाला होता है. मैं जब शांति बनाए रखने की कोशिश करता हूं, तो अचानक कुछ ऐसा हो जाता है जो गुस्सा दिला देता है.'
'हमें शांतिपूर्ण भविष्य बनाना है'
यूनुस ने अपने वक्तव्य में आगे कहा, 'अब हमारा सबसे बड़ा लक्ष्य यही है कि हम कम से कम ऐसा जीवन बना सकें, जिसमें शांति हो, जिसमें विकास हो और जो हमारे सपनों के अनुकूल हो.'
'We want the best relationship with India. But every time we try, things go wrong,' says Bangladesh's Muhammad Yunus pic.twitter.com/yTVFBt8jND
— Shashank Mattoo (@MattooShashank) June 11, 2025
चुनाव लड़ने से किया इनकार
मोहम्मद यूनुस ने स्पष्ट किया कि वह बांग्लादेश में होने वाले आगामी चुनावों में कोई भूमिका नहीं निभाना चाहते. जब उनसे पूछा गया कि क्या वे लोकतांत्रिक रूप से चुनी जाने वाली अगली सरकार का हिस्सा बनना चाहेंगे, तो उन्होंने कहा, 'बिल्कुल नहीं. मुझे लगता है कि मेरे कैबिनेट में कोई भी ऐसा नहीं चाहता. हम सभी केवल अंतरिम व्यवस्था को संभालने आए हैं.'
अवामी लीग पर गंभीर आरोप
अवामी लीग के राजनीतिक भविष्य पर पूछे गए सवाल पर यूनुस ने कहा कि इस पार्टी की वैधता को लेकर सवाल उठ रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि अवामी लीग पर 'युवाओं की हत्या, जबरन गुमशुदगी और सार्वजनिक धन की चोरी' जैसे गंभीर आरोप हैं.
यूनुस ने कहा, 'जब पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना देश छोड़कर गईं, तो हमें लगा कि शायद एक अध्याय समाप्त हो गया, लेकिन जिन लोगों ने देश छोड़ा, उनमें से किसी ने भी पछतावे का संकेत नहीं दिया. वे अब भी राजनीतिक रूप से सक्रिय और उत्साहित हैं.'
चीन और पाकिस्तान से नजदीकी
विशेषज्ञों के अनुसार, यूनुस के कार्यकाल में बांग्लादेश का झुकाव चीन और पाकिस्तान की ओर तेजी से बढ़ा है, जिससे भारत-बांग्लादेश संबंधों में तनाव आ गया है. भारत इस बात को लेकर चिंतित है कि बांग्लादेश की रणनीतिक दिशा क्षेत्रीय संतुलन को किस तरह प्रभावित कर सकती है.
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