पाकिस्तान के बाद अब बांग्लादेश का भी करना पड़ेगा इलाज! भारत के नॉर्थ ईस्ट राज्यों पर है यूनुस की नजर

    बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस बार बार अपनी जुबान पर पूर्वोत्तर भारत का जिक्र कर रहे हैं. जब वो पूर्वोत्तर भारत का नाम लेते हैं तो उनके आवाज से उनकी दुष्टता का आभास होता है.

    Mohammad Yunus has his eyes on Indias North East states
    Image Source: Social Media

    ढाका/काठमांडू: बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस बार बार अपनी जुबान पर पूर्वोत्तर भारत का जिक्र कर रहे हैं. जब वो पूर्वोत्तर भारत का नाम लेते हैं तो उनके आवाज से उनकी दुष्टता का आभास होता है. उन्होंने एक बार फिर से पूर्वोत्तर भारत का जिक्र किया है. 

    मोहम्मद यूनुस ने नेपाल की संसद की प्रतिनिधि सभा की उपाध्यक्ष इंदिरा राणा के साथ मुलाकात के बाद सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट डाला, जिसमें उन्होंने पूर्वोत्तर भारत का जिक्र किया है. 

    यूनुस के ऑफिस की तरफ से लिखा गया-

    यूनुस के ऑफिस की तरफ से लिखे गये पोस्ट में कहा गया है कि "अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और भारत के सात पूर्वोत्तर राज्यों के बीच एक एकीकृत आर्थिक रणनीति का आह्वान किया है, जिसमें जलविद्युत, स्वास्थ्य सेवा और सड़क संपर्क में सीमा पार सहयोग की संभावना पर जोर दिया गया है." यानि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख ने "बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और भारत के सेवन सिस्टम स्टेट के लिए एक एकीकृत आर्थिक योजना” का आह्वान किया और कहा कि इन देशों और भारत के पूर्वोत्तर को “अलग रहने की अपेक्षा एक साथ (इन देशों के साथ) रहने पर ज्यादा लाभ होगा.” मोहम्मद यूनुस का ये बयान इसलिए विवादित है, क्योंकि सेवन सिस्टर्स स्टेट के बारे में क्या फैसला लेना है, ये भारत सरकार का फैसला होगा, वो बोलने वाले कौन होते हैं.

    बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने हाल ही में भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को लेकर दिए गए बयानों से भारत-बांग्लादेश संबंधों में नई चुनौतियाँ उत्पन्न कर दी हैं. यूनुस ने चीन की यात्रा के दौरान भारत के 'सात बहनों' वाले राज्यों को 'लैंडलॉक्ड' (भूमिबद्ध) बताते हुए बांग्लादेश को "समुद्र का एकमात्र संरक्षक" कहा और चीन से इस क्षेत्र में आर्थिक विस्तार की अपील की. 

    विवादास्पद बयान 

    यूनुस के इस बयान पर भारत में तीखी प्रतिक्रिया हुई है. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इसे "अपमानजनक और निंदनीय" बताया और कहा कि यह भारत के रणनीतिक 'चिकन नेक' कॉरिडोर की भेद्यता को उजागर करता है. उन्होंने भारत सरकार से इस मार्ग को मजबूत करने और वैकल्पिक मार्गों के विकास की आवश्यकता पर जोर दिया.

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने बांग्लादेश के साथ सकारात्मक और व्यावहारिक संबंधों की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि "ऐसी बयानबाजी से बचना चाहिए जो द्विपक्षीय माहौल को बिगाड़े."

    चीन के साथ बढ़ती निकटता

    यूनुस की चीन यात्रा के दौरान उन्होंने चीन से बांग्लादेश में निवेश बढ़ाने की अपील की और भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को चीन की अर्थव्यवस्था का विस्तार क्षेत्र बताया. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश इस क्षेत्र के लिए समुद्र तक पहुंच का एकमात्र मार्ग है, जिससे यह क्षेत्र चीन की अर्थव्यवस्था का हिस्सा बन सकता है.

    भारत के लिए रणनीतिक चिंताएँ

    यूनुस के बयानों से भारत के लिए कई रणनीतिक चिंताएँ उत्पन्न हुई हैं:

    चिकन नेक कॉरिडोर की भेद्यता: यह संकीर्ण भूमि पट्टी भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को शेष भारत से जोड़ती है. यूनुस के बयानों से इस मार्ग की रणनीतिक भेद्यता पर ध्यान केंद्रित हुआ है.

    चीन का बढ़ता प्रभाव: बांग्लादेश में चीन के निवेश और प्रभाव के बढ़ने से भारत की सुरक्षा और आर्थिक हितों पर प्रभाव पड़ सकता है.

    पूर्वोत्तर राज्यों की एकता: यूनुस के बयानों से भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में असंतोष और अलगाववादी भावनाओं को बढ़ावा मिल सकता है.

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