ऑपरेशन सिंदूर में पिटने के बाद बहावलपुर से भागा मसूद अजहर, अब PoK के इस इलाके को बनाया नया ठिकाना

    भारत के मोस्ट वांटेड आतंकवादी मसूद अजहर की गतिविधियों को लेकर एक बार फिर पाकिस्तान की भूमिका पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं.

    Masood Azhar fled from Bahawalpur after Operation Sindoor
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- Internet

    नई दिल्ली: भारत के मोस्ट वांटेड आतंकवादी मसूद अजहर की गतिविधियों को लेकर एक बार फिर पाकिस्तान की भूमिका पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं. खुफिया एजेंसियों से मिली ताजा जानकारी के अनुसार, जैश-ए-मोहम्मद के सरगना को अब पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के गिलगित-बाल्टिस्तान में देखा गया है.

    बताया जा रहा है कि अजहर अब एक ऐसे इलाके में छिपा है, जो पर्यटन के लिए मशहूर है, ताकि उस पर नजर रखना मुश्किल हो जाए.

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद बहावलपुर से भागा अजहर

    भारत द्वारा 6-7 मई की रात "ऑपरेशन सिंदूर" में पीओके और पाकिस्तान में स्थित जैश-ए-मोहम्मद समेत कई आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की गई थी. इस कार्रवाई में बहावलपुर स्थित जैश के मुख्यालय जामिया सुभान अल्लाह को भी निशाना बनाया गया था. खुफिया रिपोर्टों के मुताबिक, इसी हमले में मसूद अजहर के कम से कम 10 रिश्तेदारों की मौत हुई थी. इसके बाद अजहर को बहावलपुर से हटाकर एक सुरक्षित जगह पर पहुंचाया गया.

    नया ठिकाना: स्कार्दू का पर्यटक क्षेत्र

    एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मसूद अजहर को हाल ही में गिलगित-बाल्टिस्तान के स्कार्दू में सदपारा रोड के आसपास देखा गया है. यह इलाका सुंदर झीलों, पर्वतीय दृश्यों और पार्कों के कारण पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है. यहां कई मस्जिदें, मदरसे और गेस्ट हाउस मौजूद हैं, जो एक चरमपंथी के लिए लो-प्रोफाइल छिपने की आदर्श जगह बनाते हैं.

    पाकिस्तान की सरकार अब भी बचाव में?

    यह खुलासा पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि मसूद अजहर पाकिस्तान में नहीं, अफगानिस्तान में छिपा हो सकता है. उन्होंने यह भी कहा था कि यदि भारत कोई पुख्ता सबूत देता है, तो पाकिस्तान उसे गिरफ्तार कर सकता है.

    अब जब अजहर की मौजूदगी पाकिस्तान के भीतर सामने आई है, तो क्या वाकई पाकिस्तान उसे भारत को सौंपेगा? या एक बार फिर उसे राजनीतिक संरक्षण मिलेगा?

    भारत में कई आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड

    मसूद अजहर सिर्फ एक आतंकी सरगना नहीं, बल्कि पठानकोट एयरबेस हमला (2016), पुलवामा हमला (2019) और संसद पर हमला (2001) जैसे कुख्यात आतंकी हमलों का मुख्य मास्टरमाइंड है. पुलवामा हमले में 40 से अधिक जवान शहीद हुए थे. अजहर को भारत, अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक आतंकी घोषित किया हुआ है.

    वह एक समय भारत की हिरासत में था, लेकिन 1999 में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC-814 के हाईजैक के बाद उसे छोड़ना पड़ा था. रिहाई के बाद उसने जैश-ए-मोहम्मद की नींव रखी.

    इससे पहले भी भाग चुका है अजहर

    यह पहली बार नहीं है जब मसूद अजहर को एक ठिकाने से दूसरे ठिकाने पर शिफ्ट किया गया है. 2019 की बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद भी उसे बहावलपुर से हटाकर पेशावर के एक गुप्त स्थान पर ले जाया गया था. पाकिस्तान की रणनीति हमेशा से उसे छिपाकर रखने की रही है.

    उदाहरण के तौर पर, हिजबुल मुजाहिदीन के चीफ सैयद सलाहुद्दीन को भी इस्लामाबाद में सरकारी संरक्षण में खुलेआम घूमते हुए देखा गया है. उसका ठिकाना इस्लामाबाद के पॉश इलाके बर्मा टाउन में है, जहां वह हथियारबंद सुरक्षाकर्मियों के साथ देखा जाता है.

    बहावलपुर में अब भी जैश का नेटवर्क सक्रिय

    हालांकि ऑपरेशन सिंदूर के तहत बहावलपुर स्थित जैश मुख्यालय को नुकसान पहुंचाया गया, लेकिन वहां अब भी नेटवर्क के बचे-खुचे हिस्से सक्रिय हैं. जैश के डिजिटल चैनलों पर अब भी मसूद अजहर की पुरानी ऑडियो क्लिप्स चलाई जा रही हैं, ताकि यह भ्रम फैलाया जा सके कि वह अब भी बहावलपुर में ही है.

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