कौन थे भिखारी ठाकुर? जिन्हें भारत रत्न देने के लिए मनोज तिवारी ने गृह मंत्री अमित शाह को लिखा पत्र

    Who was Bhikhari Thakur: दिल्ली बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर भोजपुरी लोक कलाकार भिखारी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग की है.

    Manoj Tiwari wrote a letter to Amit Shah to give Bharat Ratna to Bhikhari Thakur
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    Who was Bhikhari Thakur: दिल्ली बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर भोजपुरी लोक कलाकार भिखारी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग की है. उनका मानना है कि भिखारी ठाकुर के योगदान को न केवल भोजपुरी समाज, बल्कि भारतीय संस्कृति के विकास में भी अहम माना जाता है. मनोज तिवारी ने अपने पत्र में लिखा है, "मैं आपके समक्ष अत्यंत सम्मानपूर्वक यह अनुरोध करता हूं कि भोजपुरी के महान लोक कवि, नाटककार, गायक, समाज सुधारक एवं जन-जन के कलाकार भिखारी ठाकुर को भारत सरकार द्वारा मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया जाए."  

    कौन थे भिखारी ठाकुर?

    भोजपुरी भाषा और लोककला के सशक्त हस्ताक्षर, भिखारी ठाकुर को 'भोजपुरी का शेक्सपियर' के रूप में जाना जाता है. बिहार के सारण जिले के कुतुबपुर गांव में जन्मे भिखारी ठाकुर ने अपनी कला से न केवल भोजपुरी भाषा को नया आयाम दिया, बल्कि समाज में व्याप्त कुरीतियों और असमानताओं के खिलाफ भी आवाज उठाई. उनके योगदान को समाज कभी नहीं भूल सकता. भिखारी ठाकुर का जीवन एक मिशन था, समाज में बदलाव लाना. 

    बचपन से ही उन्हें लोकगीत, नाटक और सामाजिक विषयों में गहरी रुचि थी. उन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से गरीब और हाशिए पर खड़े लोगों की समस्याओं को उजागर किया. उनके नाटक, गाने और काव्य रचनाएं आज भी समाज को दिशा देने का काम करती हैं. खासकर उनका नाटक 'बेटी बेचवा', जो बाल विवाह और कन्या शोषण के खिलाफ एक शक्तिशाली संदेश देता है, आज भी लोगों के दिलों में गूंजता है.

    लोककलाओं को जनआंदोलन का रूप दिया

    मनोज तिवारी ने अपने पत्र में यह भी कहा कि भिखारी ठाकुर केवल एक कलाकार नहीं, बल्कि युगपुरुष थे. उन्होंने भोजपुरी लोककला को न केवल एक कला के रूप में प्रस्तुत किया, बल्कि उसे समाज में व्यापक बदलाव के लिए जनआंदोलन का रूप दिया. उनका नाटक "बेटी बेचवा" बाल विवाह और कन्या शोषण के खिलाफ एक ताकतवर सामाजिक दस्तावेज था.

    मनोज तिवारी ने पत्र में यह भी कहा कि भिखारी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित करना न सिर्फ भोजपुरी समाज के लिए, बल्कि पूरे भारतीय लोकसंस्कृति के लिए गर्व की बात होगी. यह कदम देश की सांस्कृतिक विविधता और एकता को प्रगति की दिशा में और अधिक बल देगा.

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