मध्य प्रदेश के बहुचर्चित राजा रघुवंशी हत्याकांड ने न केवल अपराध की दुनिया में हलचल मचाई, बल्कि एक प्राचीन ज्योतिषीय अवधारणा—मंगल दोष—को फिर से सुर्खियों में ला दिया. कहा जा रहा है कि सोनम और राजा, दोनों की कुंडली में मंगल दोष था. इस दोष से छुटकारा पाने की कोशिश ने जानलेवा मोड़ ले लिया और राजा की मौत हो गई.
अब सवाल उठता है—क्या वाकई मंगल दोष इतना घातक हो सकता है? क्या यह वैवाहिक जीवन को बर्बादी के कगार पर ला सकता है? और क्या किसी एक की मौत इससे तय मानी जा सकती है?
आइए जानते हैं कि क्या है मंगल दोष, इसके प्रभाव क्या हैं और इससे निपटने के उपाय क्या हो सकते हैं.
क्या है मंगल दोष?
मंगल दोष (या मांगलिक दोष) तब माना जाता है जब जन्म कुंडली में मंगल ग्रह पहले, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव में स्थित होता है. इसे वैवाहिक जीवन के लिए विशेष रूप से अशुभ माना गया है.
क्या हो सकते हैं इसके प्रभाव?
हालांकि यह ज्योतिषीय मान्यता है और इसका वैज्ञानिक आधार नहीं है, फिर भी भारतीय समाज में इसे बहुत महत्व दिया जाता है.
मंगल दोष से कैसे पाएं निजात?
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