LinkedIn: दुनिया का सबसे बड़ा प्रोफेशनल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म लिंक्डइन अब अपने यूजर्स के लिए कुछ बड़े बदलाव लाने जा रहा है, जो आपकी निजता पर सवाल उठा सकते हैं. कंपनी ने हाल ही में अपनी प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव की घोषणा की है, जिसके तहत 3 नवंबर 2025 से यूजर्स का डेटा माइक्रोसॉफ्ट के साथ साझा किया जाएगा. यह डेटा न केवल कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) मॉडल्स को प्रशिक्षित करने के लिए इस्तेमाल होगा, बल्कि व्यक्तिगत विज्ञापनों को और लक्षित करने में भी उपयोग किया जाएगा.
लिंक्डइन डेटा का उपयोग कैसे करेगा?
लिंक्डइन ने स्पष्ट किया है कि यूजर्स की प्रोफाइल, कार्य अनुभव, शिक्षा विवरण, पोस्ट और कमेंट्स जैसे डेटा को माइक्रोसॉफ्ट के साथ साझा किया जाएगा. इसका मकसद AI मॉडल्स को बेहतर बनाना और विज्ञापनों को अधिक व्यक्तिगत करना है. हालांकि, कंपनी ने आश्वासन दिया है कि निजी संदेश (प्राइवेट मैसेजेस) पूरी तरह सुरक्षित रहेंगे और इन्हें किसी भी रूप में साझा नहीं किया जाएगा. फिर भी, यूजर्स के बीच इस बात को लेकर चिंता बढ़ रही है कि उनकी व्यक्तिगत जानकारी का उपयोग किस हद तक होगा.
पॉलिसी में दो बड़े बदलाव
लिंक्डइन की नई पॉलिसी दो मुख्य बदलावों पर केंद्रित है. पहला, यूजर्स की गतिविधियों और जानकारी का उपयोग AI मॉडल्स को प्रशिक्षित करने के लिए किया जाएगा, ताकि कंटेंट-जनरेटिंग AI को और बेहतर बनाया जा सके. दूसरा, माइक्रोसॉफ्ट और उसके सहयोगी कंपनियों को यूजर्स का डेटा विज्ञापन उद्देश्यों के लिए उपलब्ध होगा, जिससे विज्ञापन और भी व्यक्तिगत और लक्षित हो सकेंगे. ये बदलाव यूजर्स की प्राइवेसी के लिए एक नई चुनौती पेश कर सकते हैं.
अपनी प्राइवेसी कैसे बचाएं?
ऑप्ट-आउट का विकल्पलिंक्डइन ने यूजर्स को अपनी जानकारी को AI ट्रेनिंग और विज्ञापनों के लिए इस्तेमाल होने से रोकने का विकल्प दिया है. यूजर्स किसी भी समय ऑप्ट-आउट कर सकते हैं, लेकिन ध्यान रहे कि 3 नवंबर 2025 से पहले साझा किया गया डेटा तब तक उपयोग हो सकता है, जब तक आप इस विकल्प का उपयोग नहीं करते. नीचे दिए गए तरीकों से आप अपनी गोपनीयता को सुरक्षित रख सकते हैं.
AI ट्रेनिंग से डेटा को बाहर रखने का तरीका
विज्ञापनों के लिए डेटा शेयरिंग को रोकें
किन देशों में लागू होगी यह पॉलिसी?
यह नई पॉलिसी EU, EEA, UK, स्विट्जरलैंड, कनाडा और हांगकांग जैसे क्षेत्रों में लागू होगी. हालांकि, विज्ञापन डेटा साझा करने का अपडेट मुख्य रूप से अमेरिका और अन्य देशों में प्रभावी होगा. EU, UK और स्विट्जरलैंड में सख्त प्राइवेसी नियमों के कारण वहां विज्ञापन डेटा साझा करने की नीति लागू नहीं होगी.
क्या यह बदलाव वाकई नया है?
लिंक्डइन का यह कदम कोई अनोखा नहीं है. गूगल पहले से ही अपने जेमिनी मॉडल के लिए डेटा का उपयोग करता है, और मेटा भी फेसबुक और इंस्टाग्राम की जानकारी को AI ट्रेनिंग के लिए इस्तेमाल करता है. फिर भी, लिंक्डइन के इस कदम ने प्रोफेशनल यूजर्स के बीच चिंता पैदा की है, क्योंकि यह प्लेटफॉर्म मुख्य रूप से करियर और नेटवर्किंग के लिए उपयोग होता है.
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