Operation Sindoor: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले के दो हफ्ते बाद भारत ने एक ऐसी सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया जिसने पाकिस्तान में छिपे आतंक के अड्डों को जड़ से हिला दिया. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नामक इस गुप्त और सटीक अभियान में भारत ने पाकिस्तान की सीमा के 100 किलोमीटर भीतर घुसकर आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिदीन के 9 प्रमुख ठिकानों को ध्वस्त कर दिया.
लश्कर के दो खूंखार चेहरों का अंत
इस ऑपरेशन की सबसे बड़ी सफलता मानी जा रही है लश्कर-ए-तैयबा के दो शीर्ष कमांडरों का मारा जाना. हाफिज अब्दुल मलिक – लश्कर का वरिष्ठ ऑपरेशनल कमांडर, जो मरकज़ तैय्यबा (मुरीदके) में मौजूद था. मुद्दसिर – विदेशी आतंकियों की भर्ती और साजिशों का सूत्रधार, जो इसी हमले में ढेर हो गया. इन दोनों की मौजूदगी पर खुफिया एजेंसियों को पुख्ता जानकारी थी, जिसके आधार पर एयरस्ट्राइक की योजना बनाई गई.
बहावलपुर: जैश का गढ़ बना टारगेट
इस हमले का सबसे अहम निशाना बहावलपुर रहा, जो अंतरराष्ट्रीय सीमा से 100 किमी अंदर स्थित है और जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख ठिकाना माना जाता है. पुलवामा जैसे हमलों के पीछे इसी अड्डे का हाथ रहा है. अब यह आतंकी अड्डा पूरी तरह तबाह कर दिया गया है.
मुरिदके: 26/11 की जड़ भी खत्म
मुरीदके — लश्कर-ए-तैयबा का कुख्यात ट्रेनिंग सेंटर और मुख्यालय, जहां से 26/11 मुंबई हमले के आतंकियों को ट्रेनिंग दी गई थी — अब इतिहास बन चुका है. अजमल कसाब की ट्रेनिंग यहीं हुई थी, और डेविड हेडली–तहव्वुर राणा जैसे आतंकी मास्टरमाइंड इस केंद्र का दौरा कर चुके थे. इस जगह पर भारतीय वायुसेना ने सटीक हमले कर पूरी संरचना को नष्ट कर दिया.
भारत का संदेश साफ: आतंकी साजिशें नहीं सहेंगे
‘ऑपरेशन सिंदूर’ को भारतीय सशस्त्र बलों और खुफिया एजेंसियों की संयुक्त रणनीति का नतीजा माना जा रहा है. यह कार्रवाई दर्शाती है कि भारत अब आतंक के प्रति "सहनशीलता नहीं, सर्जिकल जवाब" की नीति पर काम कर रहा है. इसके ज़रिए भारत ने न केवल अपने नागरिकों की सुरक्षा का संदेश दिया, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी अपनी कूटनीतिक स्थिति मजबूत की है.
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