भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण रिश्ते कोई नई बात नहीं हैं. हर बार सीमा पर घटनाएं होती हैं या चुनावी माहौल होता है, तो दोनों देशों के नेताओं की ओर से बयानबाज़ी देखने को मिलती है. इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ है, जब पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक पाकिस्तानी टेलीविज़न चैनल पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय राजनीति पर सीधा हमला बोला.
आसिफ ने आरोप लगाया कि भारत के अंदर चल रहे राजनीतिक कारणों, खासतौर पर बिहार विधानसभा चुनाव, की वजह से भारत कथित रूप से उकसावे की कार्रवाई कर रहा है.
भारत पर आरोप और पाकिस्तान की तैयारी
ख्वाजा आसिफ ने पाकिस्तानी चैनल Samaa TV पर दिए एक इंटरव्यू में कहा कि भारत में नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता में गिरावट आ रही है और पाकिस्तान की मई में हुई "सैन्य कार्रवाई" के कारण यह गिरावट और तेज हुई है. उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी के समर्थक भी अब सरकार की नीतियों की आलोचना कर रहे हैं.
इसके साथ ही आसिफ ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि पाकिस्तानी सेना ने मई के संघर्ष के दौरान 6 भारतीय फाइटर जेट्स को मार गिराया, जबकि भारत एक भी पाकिस्तानी विमान को नहीं गिरा सका. हालांकि इस दावे की स्वतंत्र पुष्टि नहीं हो सकी है, और भारत सरकार या सेना की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
भारत युद्ध की ओर बढ़ रहा है- ख्वाजा आसिफ
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच भविष्य में युद्ध की आशंका बनी हुई है. उन्होंने खुद युद्ध की वकालत नहीं की, लेकिन साथ ही कहा कि अगर भारत से युद्ध हुआ, तो पाकिस्तान पहले से कहीं बेहतर जवाब देगा.
उन्होंने कहा, "मैं युद्ध नहीं चाहता, लेकिन खतरा बना हुआ है. अगर भारत ने हमला किया, तो पाकिस्तान मजबूती से जवाब देगा."
राजनीति और इतिहास से भारत पर हमला
आसिफ ने भारत के राजनीतिक इतिहास पर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि भारत सिर्फ मुगल शासक औरंगज़ेब के शासनकाल में एकजुट था. उनके मुताबिक, इसके अलावा भारत कभी भी पूरी तरह एक राष्ट्र के रूप में संगठित नहीं रहा. इसके उलट उन्होंने पाकिस्तान को एक धार्मिक आधार पर बना देश बताते हुए कहा कि वहां भी आंतरिक झगड़े होते हैं, लेकिन जब बात भारत से टकराव की होती है, तो पूरा पाकिस्तान एकजुट हो जाता है.
भारत को चेतावनी और सोशल मीडिया पर हमला
यह पहली बार नहीं है कि ख्वाजा आसिफ ने भारत के खिलाफ तीखी भाषा का प्रयोग किया हो. कुछ दिन पहले उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा था कि अगर अब की बार जंग हुई, तो भारत अपने ही विमानों के मलबे के नीचे दब जाएगा.
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भारत की लीडरशिप जानबूझकर उकसावे वाले बयान दे रही है ताकि जनता का ध्यान आर्थिक और आंतरिक मुद्दों से भटकाया जा सके.
पाकिस्तानी सेना का दावा: चीनी हथियारों से मिली बढ़त
हाल ही में पाकिस्तान के सैन्य प्रवक्ता जनरल अहमद चौधरी ने भी भारत के खिलाफ कड़ा बयान दिया था. उन्होंने दावा किया कि मई में हुए संघर्ष के दौरान चीनी तकनीक और हथियारों ने पाकिस्तान को बड़ी मदद दी.
उनका कहना था, "हम हर तरह की तकनीक के लिए खुले हैं. चीनी हथियारों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया. भारत के 7 फाइटर जेट्स हमने गिराए, जबकि उन्होंने हमारा कोई विमान नहीं गिराया."
ये बयान एक ऐसे वक्त में आया है जब भारत और चीन के बीच भी सीमा को लेकर तनाव बना हुआ है. पाकिस्तान का इस तरह खुलकर चीन की तकनीक की तारीफ करना भारत के लिए कूटनीतिक रूप से भी एक चुनौती हो सकता है.
पाकिस्तान की रक्षा क्षमता और विदेशी निर्भरता
पाकिस्तान की सैन्य क्षमताओं का बड़ा हिस्सा विदेशी हथियारों पर निर्भर है. स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) के आंकड़ों के अनुसार:
इसके अलावा, पाकिस्तान के पास अमेरिका से मिले F-16 फाइटर जेट्स भी हैं, जो उसके एयरफोर्स की रीढ़ माने जाते हैं.
वित्तीय दृष्टि से देखें तो:
हालांकि GDP के अनुपात में:
यह अंतर बताता है कि पाकिस्तान अपनी आर्थिक स्थिति के बावजूद रक्षा पर अधिक जोर दे रहा है.
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