दुनियाभर में कैंसर के मामलों में भारी बढ़ोत्तरी, तीसरे नंबर पर भारत; जानें किस राज्य में है सबसे अधिक केस

    Cancer Cases India: भारत में कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और यह स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए बड़ी चुनौती बन चुका है. हाल ही में लोकसभा में पेश किए गए आंकड़े इस समस्या की गंभीरता को उजागर करते हैं.

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    प्रतिकात्मक तस्वीर/ FreePik

    Cancer Cases India: भारत में कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और यह स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए बड़ी चुनौती बन चुका है. हाल ही में लोकसभा में पेश किए गए आंकड़े इस समस्या की गंभीरता को उजागर करते हैं. अंतरराष्ट्रीय कैंसर अनुसंधान एजेंसी (IARC) के ग्लोबल कैंसर ऑब्ज़र्वेटरी के मुताबिक, भारत में कैंसर के मामलों की अनुमानित संख्या 14,13,316 है, जो प्रति 1,00,000 लोगों की दर से 98.5 के बराबर है. यह संख्या चीन और अमेरिका के बाद विश्व में तीसरे स्थान पर है.

    चीन में कैंसर के मामले लगभग 48.2 लाख हैं, जबकि अमेरिका में 23.8 लाख. इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि भारत में कैंसर तेजी से बढ़ रहा है और देश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर इस बीमारी का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है.

    पिछले पांच वर्षों में मामलों में लगातार वृद्धि

    सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2020 में भारत में अनुमानित 13.92 लाख कैंसर मरीज थे, जो 2024 में बढ़कर 15.33 लाख हो गए. इस तरह केवल पांच वर्षों में ही मामलों में दस प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई. साल-दर-साल आंकड़ों के अनुसार हर साल लगभग लाखों नए मरीज जुड़ रहे हैं.

    इस तेजी से बढ़ते ग्राफ से यह स्पष्ट होता है कि कैंसर अब केवल एक व्यक्तिगत स्वास्थ्य समस्या नहीं रह गया है, बल्कि यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य और आर्थिक दृष्टि से भी गंभीर चुनौती बन चुका है.

    छोटे प्रदेशों में तेज़ वृद्धि, बड़े राज्यों में अधिक कुल संख्या

    राज्यवार विश्लेषण से पता चलता है कि छोटे केंद्र शासित प्रदेशों में कैंसर मामलों की दर में वृद्धि सबसे तेज़ है, जबकि बड़े राज्यों में कुल मरीजों की संख्या अधिक है. दमन में मामलों में 39.51 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जबकि दादरा और नगर हवेली में 30.09 प्रतिशत, सिक्किम में 26.06 प्रतिशत, लक्षद्वीप में 18.52 प्रतिशत और मणिपुर में 18.48 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई.

    दिल्ली, हरियाणा, झारखंड, मध्य प्रदेश और कर्नाटक में भी 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई. आबादी के हिसाब से सबसे अधिक मरीज उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और बिहार में पाए गए. इन राज्यों में प्रतिशत वृद्धि कम दिख सकती है, लेकिन कुल संख्या अधिक होने के कारण स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव बढ़ता है.

    कैंसर मामलों में वृद्धि के प्रमुख कारण

    भारत में कैंसर मामलों की बढ़ोतरी कई कारणों से जुड़ी है. जीवनशैली में बदलाव, अस्वस्थ भोजन, शारीरिक गतिविधि की कमी और मानसिक तनाव मुख्य कारण हैं. इसके साथ ही तंबाकू और शराब का बढ़ता सेवन, बुजुर्ग आबादी में वृद्धि और स्वास्थ्य जागरूकता के बढ़ने से अधिक मामले रिपोर्ट हो रहे हैं. शहरी क्षेत्रों में प्रदूषण भी फेफड़ों और अन्य अंगों के कैंसर के मामलों को बढ़ा रहा है.

    इन कारकों का मिश्रित प्रभाव इस तेजी से बढ़ते ग्राफ में देखा जा रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि यदि जीवनशैली और पर्यावरणीय कारकों पर तत्काल ध्यान नहीं दिया गया, तो आने वाले वर्षों में कैंसर के मामलों में और वृद्धि होगी.

    स्वास्थ्य ढांचे और रोकथाम की आवश्यकता

    भारत में कैंसर तेजी से बढ़ती स्वास्थ्य चुनौती बन चुका है. इसे रोकने और मरीजों को समय पर इलाज उपलब्ध कराने के लिए व्यापक रणनीति की जरूरत है. स्क्रीनिंग सुविधाओं को बढ़ाना, जन जागरूकता फैलाना और तंबाकू एवं शराब पर नियंत्रण जैसे उपाय इस दिशा में महत्वपूर्ण हैं.

    स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करना, छोटे प्रदेशों में बढ़ते मामलों पर ध्यान देना और रोगियों के लिए आसान इलाज सुनिश्चित करना आवश्यक है. इसके बिना मरीजों की संख्या बढ़ती रहेगी और अस्पतालों पर दबाव और गंभीर हो जाएगा.

    भविष्य की चुनौती और निष्कर्ष

    कैंसर अब केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य की समस्या नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य और आर्थिक प्रणाली पर भी असर डाल रहा है. लगातार बढ़ते मामलों के कारण अस्पतालों और चिकित्सकों पर बोझ बढ़ता जा रहा है. इसके लिए जरूरी है कि सरकार, स्वास्थ्य संस्थाएं और नागरिक मिलकर जीवनशैली सुधार, जागरूकता और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के उपाय अपनाएं.

    आने वाले वर्षों में यदि कैंसर की रोकथाम और इलाज पर तत्काल कदम नहीं उठाए गए, तो यह बीमारी और अधिक गंभीर रूप ले सकती है. इसलिए व्यापक रणनीति, तंबाकू नियंत्रण और जीवनशैली सुधार की दिशा में तत्काल कार्रवाई करना बेहद आवश्यक है.

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