तेहरान: बढ़ते क्षेत्रीय तनाव और इजरायल की सैन्य कार्रवाई की पृष्ठभूमि में, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई ने एक असाधारण रणनीतिक कदम उठाया है. उन्होंने तीन वरिष्ठ शिया मौलवियों को अपने संभावित उत्तराधिकारी के रूप में चिन्हित किया है. यह पहल ऐसे समय की गई है जब ईरान न केवल इजरायली हमलों से जूझ रहा है, बल्कि आंतरिक रूप से राजनीतिक संक्रमण की संभावना का सामना भी कर रहा है.
चयन की प्रक्रिया असामान्य हालात में तेज़
आमतौर पर, ईरान में सर्वोच्च नेता की नियुक्ति एक विस्तृत और कई महीनों तक चलने वाली प्रक्रिया होती है, जिसे Assembly of Experts (मौलवियों की परिषद) अंजाम देती है. लेकिन मौजूदा हालात सामान्य नहीं हैं. 86 वर्षीय खामेनेई को लेकर सुरक्षा चिंताएं लगातार गहराती जा रही हैं — खासकर तब, जब इजरायल ने खुलकर उनके खिलाफ सैन्य कार्रवाई की चेतावनी दी है.
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, खामेनेई ने तीन नामों की एक लिस्ट अनौपचारिक रूप से संबंधित निकाय को सौंपी है, ताकि उनकी अनुपस्थिति की स्थिति में देश में सत्ता शून्यता ना उत्पन्न हो.
बेटे को उत्तराधिकार सूची से बाहर रखा
विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि खामेनेई ने अपने पुत्र मुज्तबा खामेनेई को इस लिस्ट में शामिल नहीं किया है. हाल के वर्षों में मुज्तबा को एक संभावित उत्तराधिकारी के रूप में देखा जा रहा था, लेकिन इस निर्णय को लेकर संकेत मिलते हैं कि खामेनेई शायद वंशवाद से बचना चाहते हैं — या फिर वे यह संदेश देना चाहते हैं कि ईरान की राजनीतिक धार्मिक व्यवस्था व्यक्तिगत नहीं, संस्थागत है.
कौन हैं वो तीन नाम?
रिपोर्ट में संभावित उत्तराधिकारियों के नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि ये नेता या तो ईरान के कड़े धार्मिक रुख के समर्थक हैं, या फिर ऐसे मौलवी जो राजनीतिक संतुलन बनाए रखने में सक्षम माने जाते हैं. इन नामों पर अंतिम निर्णय Assembly of Experts द्वारा लिया जाएगा, जिसमें 88 सदस्य होते हैं और जिनका चुनाव जनता करती है, हालांकि अंतिम निर्णय आमतौर पर सत्तारूढ़ ढांचे की सहमति से होता है.
खुफिया सुरक्षा में खामेनेई
सूत्रों के अनुसार, खामेनेई और उनके परिवार ने फिलहाल तेहरान के पास एक अज्ञात भूमिगत बंकर में शरण ले रखी है. वहीं से वे राष्ट्र और सैन्य नेतृत्व से संवाद कर रहे हैं. ऐसे समय में जब इजरायली ड्रोन और मिसाइल हमले जारी हैं, यह व्यवस्था ईरान की सुरक्षा नीति और सत्ता संरचना की संवेदनशीलता को दर्शाती है.
मेरी मौत पर रोना मत- खामेनेई का संदेश
एक हालिया टेलीविजन संबोधन में खामेनेई ने अप्रत्याशित रूप से ईरानी जनता को उनकी मौत के लिए मानसिक रूप से तैयार रहने का संदेश दिया. उन्होंने कहा, "मेरी मौत पर रोना नहीं, बल्कि देश की रक्षा करना." यह बयान ईरानी समाज और राजव्यवस्था को एक सांकेतिक ट्रांजिशन मोड में लाने के संकेत के रूप में देखा जा रहा है.
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