Credit card: आज के डिजिटल युग में जहां कैशलेस ट्रांजैक्शन तेजी से बढ़ रहा है, वहीं क्रेडिट कार्ड भी लोगों की जेब में आम होता जा रहा है. शॉपिंग हो, ऑनलाइन सब्सक्रिप्शन हो या होटल-बुकिंग, क्रेडिट कार्ड हर जगह इस्तेमाल में लाया जा रहा है.
लेकिन ध्यान रखें, ये छोटा सा कार्ड जितनी सहूलियत देता है, उतनी ही सावधानी भी मांगता है. सही ढंग से उपयोग न किया जाए तो यह आपके क्रेडिट स्कोर को नीचे गिरा सकता है, जिससे भविष्य में लोन या EMI लेना मुश्किल हो सकता है.
क्रेडिट कार्ड की संख्या में भारी उछाल
देश में लोगों की आमदनी और खर्च करने की क्षमता दोनों बढ़ी है. इसका असर सीधे-सीधे क्रेडिट कार्ड की संख्या पर देखा जा सकता है:
यह तेजी से बढ़ता ग्राफ बताता है कि लोग अब क्रेडिट पर ज्यादा भरोसा कर रहे हैं, लेकिन इसकी कुछ अहम शर्तें हैं, जिन्हें नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है.
क्रेडिट लिमिट का ओवरयूज खतरनाक हो सकता है. विशेषज्ञों की मानें तो 50% से ज्यादा क्रेडिट लिमिट का उपयोग करना फाइनेंशियल प्रोफाइल पर बुरा असर डाल सकता है. यह व्यवहार बैंक या लेंडिंग कंपनियों को दिखाता है कि व्यक्ति कर्ज पर निर्भर है. इससे ब्याज दरें बढ़ सकती हैं. साथ ही पर्सनल लोन या नया क्रेडिट कार्ड पाने में दिक्कत हो सकती है. क्रेडिट स्कोर भी गिर सकता है.
क्रेडिट कार्ड यूज का "गोल्डन रूल" क्या है?
30% से कम क्रेडिट उपयोग करें, यही स्मार्ट यूजर्स की पहचान है. अगर आपके कार्ड की लिमिट ₹1,00,000 है, तो कोशिश करें कि महीने भर में ₹30,000 से ज्यादा खर्च न हो. इससे आप एक जिम्मेदार यूज़र माने जाएंगे और आपका स्कोर मजबूत बना रहेगा.
क्रेडिट स्कोर पर कैसे पड़ता है असर?
RBI ने 2025 में यह नियम लागू किया है कि क्रेडिट रिपोर्टिंग हर 15 दिन में अपडेट होगी. यानी अगर आपने कोई बड़ी खरीदारी की, बिल पेमेंट लेट किया या कार्ड को मैक्स आउट कर लिया. तो उसका असर आपकी क्रेडिट प्रोफाइल पर तुरंत दिखाई देगा. ऐसे में सावधानी बेहद जरूरी है.
अच्छा क्रेडिट बनाए रखने के लिए
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