ड्रैगन की हरकत से गुस्साए किशिदा, ओछी करतूत पर दे डाली धमकी; क्या होगी नई जंग की शुरुआत?

    Japan Threats To China: पूर्वी चीन सागर के ऊपर हवा में एक बार फिर जापान और चीन आमने-सामने आ गए हैं. जापान के टोही विमान के नजदीक चीन के लड़ाकू-बमवर्षक विमान की उड़ान ने दोनों देशों के बीच पहले से मौजूद तनातनी को और भड़का दिया है.

    Japan Threats to china after sending fighter jet
    ड्रैगन की हरकत से गुस्साए किशिदा

    Japan Threats To China: पूर्वी चीन सागर के ऊपर हवा में एक बार फिर जापान और चीन आमने-सामने आ गए हैं. जापान के टोही विमान के नजदीक चीन के लड़ाकू-बमवर्षक विमान की उड़ान ने दोनों देशों के बीच पहले से मौजूद तनातनी को और भड़का दिया है. इस घटना को लेकर जापान ने चीन को कड़ी चेतावनी दी है और भविष्य में ऐसी गतिविधियों से बचने की सख्त हिदायत दी है.

    क्या है पूरा मामला?

    जापान के रक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी कि बुधवार और गुरुवार को चीनी वायुसेना के ‘JH-7’ फाइटर-बॉम्बर्स ने जापान की वायु रक्षा बल के ‘YS-11EB’ इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस विमान के बेहद करीब से उड़ान भरी. यह वाकया पूर्वी चीन सागर के ऊपर हुआ, हालांकि जापानी क्षेत्रीय वायुसीमा का उल्लंघन नहीं किया गया. जापानी रक्षा मंत्रालय के अनुसार, घटना के समय उनके विमान नियमित निगरानी मिशन पर थे. हालांकि, चीन के लड़ाकू विमानों की निकटता को बेहद खतरनाक और उकसावे वाली कार्रवाई बताया गया है.

    जापान की कड़ी प्रतिक्रिया

    घटना के बाद जापान के विदेश मंत्रालय ने जापान में नियुक्त चीनी राजदूत वू जियांगहाओ को तलब किया. जापानी उप विदेश मंत्री ताकेहिरो फुनाकोशी ने राजदूत के सामने “गंभीर चिंता” जाहिर की और इस तरह की हरकतों को रोकने की स्पष्ट मांग रखी. बयान में यह भी कहा गया कि ऐसे व्यवहार से “टकराव की स्थिति पैदा हो सकती है”, जो क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए गंभीर खतरा है.

    चीन की प्रतिक्रिया अभी तक नहीं

    घटना को लेकर चीनी सरकार की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. हालांकि इससे पहले चीन यह आरोप लगा चुका है कि जापान उसके सैन्य अभ्यासों और गतिविधियों की जासूसी करता है और जापानी टोही विमान चीनी विमानों के पास उड़ान भरते हैं, जिससे उनकी सुरक्षा पर सवाल खड़े होते हैं. चीन पहले ही टोक्यो से यह मांग कर चुका है कि वह इस तरह की जासूसी और निगरानी गतिविधियों को रोके.

    क्यों बढ़ रहा है विवाद?


    पूर्वी चीन सागर में सेंकाकु द्वीप समूह (जिसे चीन दियाओयू कहता है) को लेकर दोनों देशों के बीच पुराना क्षेत्रीय विवाद है. यहां आए दिन दोनों देशों के जहाज और विमान आमने-सामने आते रहते हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों देशों की वायुसेनाओं के बीच ऐसी घटनाएं संभावित सैन्य टकराव का जोखिम बढ़ा सकती हैं.

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