डोनाल्ड ट्रंप के बारे में एक बात हमेशा कही जाती है, कि कभी नहीं पता चलता कि वो क्या कहें या कब कहें. अक्सर उनके बेतुके बयान और विवादास्पद टिप्पणियां मीडिया में सुर्खियां बन जाती हैं. हाल ही में, उन्होंने एक बार फिर व्हाइट हाउस में अफ्रीकी देशों के नेताओं के साथ ऐसा विवादित बर्ताव किया, जो चर्चा का विषय बन गया. इस बार ट्रंप ने अफ्रीकी राष्ट्राध्यक्षों के साथ लंच के दौरान कुछ ऐसा कह दिया, जिसने उनकी आलोचना को और बढ़ा दिया.
ट्रंप का अफ्रीकी राष्ट्राध्यक्षों के प्रति अपमानजनक व्यवहार
गुरुवार को ट्रंप ने व्हाइट हाउस के स्टेट डाइनिंग रूम में पांच अफ्रीकी देशों के राष्ट्राध्यक्षों को लंच पर बुलाया था. इनमें सेनेगल के राष्ट्रपति बासिरू डियोमाये फेय, लाइबेरिया के राष्ट्रपति जोसेफ न्युमा बोकाई, बिसाऊ-गिनी के राष्ट्रपति उमारो सिसोको एम्बालू, मॉरिटानिया के राष्ट्रपति मोहम्मद औलद ग़ज़ौनी, और गैबोन के राष्ट्रपति ब्राइस ओलिगुई न्गुएमा शामिल थे. लंच के दौरान ट्रंप ने इन नेताओं को अफ्रीकी देशों के साथ व्यापार बढ़ाने पर बातचीत करने के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन उनकी ओर से जो व्यवहार सामने आया, उसने इन नेताओं को असहज कर दिया और आलोचना का सामना किया.
ट्रंप की नकारात्मक टिप्पणी और बेजा तंज
लंच के दौरान, जब अफ्रीकी राष्ट्राध्यक्षों ने ट्रंप से कुछ सलाह दी, तो उन्होंने उनके सुझावों का महत्व स्वीकार करते हुए कहा कि, "मैं आपकी सलाह की सराहना करता हूं, लेकिन हमें इसे जल्दी खत्म करना होगा क्योंकि हमारा शेड्यूल बहुत व्यस्त है." इसके बाद ट्रंप ने इन नेताओं को जल्दी से अपनी बात खत्म करने का इशारा किया, यह कहते हुए कि वे उनसे और उनके देशों के बारे में जानने के लिए समय नहीं निकाल सकते.
इसके अलावा, ट्रंप ने गिनी के राष्ट्रपति से उनका नाम और देश का नाम पूछा, जबकि आमतौर पर ऐसे आयोजनों से पहले नेताओं को ब्रीफ किया जाता है कि वे किससे मिल रहे हैं. इस व्यवहार को लेकर सोशल मीडिया और विभिन्न मीडिया आउटलेट्स में आलोचना की जा रही है.
ट्रंप का विवादास्पद रुख
ट्रंप का यह असंवेदनशील रवैया कोई नया नहीं है. इससे पहले भी वह अफ्रीकी देशों को लेकर विवादित बयान दे चुके हैं, और उनके कड़े टैरिफ़ और श्वेतों के खिलाफ नरसंहार जैसे आरोपों से टकराव भी बढ़ा है. हालांकि, कई लोग इसे उनकी राजनीति से जोड़कर देख रहे हैं, जिनमें व्यापारिक या कूटनीतिक महत्वाकांक्षाएं हो सकती हैं, लेकिन ट्रंप का यह व्यवहार अब उनके प्रशासन के लिए एक बड़ी कूटनीतिक समस्या बन चुका है.
ट्रंप की कूटनीतिक असफलता
व्हाइट हाउस में विदेशी नेताओं के प्रति इस तरह का बर्ताव अब ट्रंप की "बेड डिप्लोमेसी" बनता जा रहा है. उनके व्यवहार ने न केवल अफ्रीकी देशों के नेताओं को असहज किया, बल्कि यह भी दर्शाया कि उन्हें कूटनीतिक संवेदनशीलता का कितना अभाव है. ट्रंप के इस प्रकार के बयानों और कार्यों के कारण उनके प्रशासन की छवि को भी नुकसान हुआ है, और उनके द्वारा किए गए इन गलत व्यवहारों का असर वैश्विक कूटनीति पर भी पड़ता है.
ये भी पढ़ेंः आतंक के गढ़ में आतंकी हमला, पाकिस्तान में बस से उतारकर 9 लोगों को गोलियों से भूना; मुनीर-शहबाज की तो...