पीएम मोदी के जापान दौरे से अमेरिका को हुआ खरबों रुपये का नुकसान! इस डील को रोएंगे ट्रंप

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आक्रामक व्यापार नीति एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय संबंधों में बाधा बनकर सामने आई है. दुनिया की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं अमेरिका और जापान के बीच तय हुआ 550 अरब डॉलर का निवेश समझौता फिलहाल ठंडे बस्ते में चला गया है.

    Japan proposed 550 billion dollar deal amid america tariff tension
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    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आक्रामक व्यापार नीति एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय संबंधों में बाधा बनकर सामने आई है. दुनिया की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं अमेरिका और जापान के बीच तय हुआ 550 अरब डॉलर का निवेश समझौता फिलहाल ठंडे बस्ते में चला गया है.

    ट्रंप द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगाए जाने के फैसले से वैश्विक व्यापार जगत पहले ही चिंतित था, और अब जापान ने भी स्पष्ट संकेत दे दिया है कि वह अमेरिका के रवैये से संतुष्ट नहीं है.

    आखिरी पल में रद्द हुई जापानी वार्ताकार की यात्रा

    इस निवेश समझौते को अंतिम रूप देने के लिए जापान के वरिष्ठ व्यापार प्रतिनिधि रयोसेई अकाज़ावा को वॉशिंगटन जाना था, लेकिन उन्होंने अपनी यात्रा अंतिम समय में रद्द कर दी. इसकी वजह ट्रंप का वह बयान माना जा रहा है, जिसमें उन्होंने जापानी निवेश को लेकर कहा, यह हमारा पैसा है, हम इसे जैसे चाहें वैसे लगाएंगे और मुनाफे का 90% हिस्सा अमेरिका में रहेगा. इस पर जापानी प्रशासन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और दो टूक कहा कि यह समझौता पारस्परिक लाभ के आधार पर होना चाहिए, न कि एकतरफा शर्तों पर.

    जापान की स्पष्ट आपत्ति

    जापान की सरकार ने अमेरिका से कुछ अहम बदलावों की मांग की है. ऑटो पार्ट्स पर लगाए गए भारी शुल्क में कमी,ओवरलैपिंग टैरिफ यानी एक ही वस्तु पर दोहरा शुल्क हटाना, निवेश और मुनाफे के वितरण में संतुलन बनाए रखना,जापानी विदेश प्रवक्ता योशिमासा हायाशी ने साफ कहा कि, “अभी कुछ ऐसे बिंदु हैं जिन पर प्रशासनिक स्तर पर और बातचीत की आवश्यकता है. जब तक स्पष्टता नहीं मिलती, बातचीत को आगे बढ़ाना कठिन होगा.”

    भारत-जापान समीकरण पर असर

    यह घटनाक्रम ऐसे समय पर सामने आया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान की आधिकारिक यात्रा पर हैं. वे 29-30 अगस्त को जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा से मुलाकात कर भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं. सूत्रों के अनुसार, इस सम्मेलन में रणनीतिक साझेदारी, क्वाड सहयोग, और एशिया-प्रशांत क्षेत्रीय सुरक्षा जैसे विषयों पर गहन चर्चा होनी है. विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका-जापान रिश्तों में आई यह खटास, भारत और जापान के बीच गहरे होते संबंधों को और गति दे सकती है.

    अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया

    पश्चिमी विश्लेषकों ने ट्रंप की टैरिफ नीति को “आत्मघाती कदम” बताया है, जो अमेरिका के दीर्घकालिक सहयोगियों को भी दूर कर रहा है.जापान की प्रमुख समाचार एजेंसी क्योदो न्यूज ने रिपोर्ट किया कि यह स्पष्ट नहीं है कि रयोसेई अकाज़ावा अपनी यात्रा दोबारा कब तय करेंगे. हालांकि, रॉयटर्स के मुताबिक, वे अगले सप्ताह वॉशिंगटन जा सकते हैं, यदि अमेरिकी प्रशासन कुछ रियायतें देता है.

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