दुनिया के सामने फिर बेनकाब हुआ पाकिस्तान, ऑपरेशन महादेव में मारे गए आतंकियों का PoK में निकला 'जनाजा-ए-गायब'

    Operation Mahadev: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए नृशंस आतंकी हमले के बाद भारतीय सुरक्षाबलों ने ‘ऑपरेशन महादेव’ के तहत बड़ा एक्शन लिया. इस अभियान में पहलगाम हमले के पीछे मुख्य भूमिका निभाने वाले तीनों आतंकियों को ढेर कर दिया गया.

    Janaza-e-Gayab of terrorists killed in Operation Mahadev took place in PoK pahalgam attack
    Image Source: ANI/ File

    Operation Mahadev: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए नृशंस आतंकी हमले के बाद भारतीय सुरक्षाबलों ने ‘ऑपरेशन महादेव’ के तहत बड़ा एक्शन लिया. इस अभियान में पहलगाम हमले के पीछे मुख्य भूमिका निभाने वाले तीनों आतंकियों को ढेर कर दिया गया. मारे गए आतंकियों में ताहिर हबीब का नाम सबसे प्रमुख रहा, जो कभी पाकिस्तानी सेना का जवान रह चुका था और बाद में लश्कर-ए-तैयबा का सक्रिय सदस्य बन गया.

    ऑपरेशन के दौरान मारा गया आतंकी ताहिर हबीब गुलाम कश्मीर (PoK) के काई गल्ला गांव का निवासी था. वहां उसका 'जनाजा-ए-गायब' यानी बिना शव के अंतिम संस्कार आयोजित किया गया. इस जनाजे में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी, पूर्व पाकिस्तानी सैनिक और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल हुए. यह आयोजन इस बात का जीवंत प्रमाण है कि पाकिस्तान न केवल आतंकी तैयार कर रहा है, बल्कि उन्हें सम्मान भी दे रहा है, चाहे वह दुनिया के लिए 'शहीद' हों या भारत के लिए हत्यारे.

    एक कट्टर आतंकी की पहचान

    रिपोर्ट्स के मुताबिक, ताहिर को खुफिया एजेंसियों की फाइलों में ‘अफगानी’ नाम से जाना जाता था, क्योंकि वह सदोई पठान समुदाय से ताल्लुक रखता था, जिसकी ऐतिहासिक जड़ें अफगानिस्तान और पूंछ विद्रोह से जुड़ी हैं. कहा जाता है कि पहलगाम हमले में उसने रणनीतिक और नेतृत्वकारी भूमिका निभाई थी, जिसमें 26 निर्दोष पर्यटकों की निर्मम हत्या की गई थी.

    आतंक के खिलाफ उठने लगी आवाज़ें

    इस जनाजे के दौरान एक दिलचस्प और अहम मोड़ तब आया जब ताहिर के परिवार ने लश्कर के कमांडर को अंतिम संस्कार में शामिल होने से रोक दिया. इस पर हल्की-फुल्की झड़प भी देखने को मिली. इसके बाद गांव के लोगों ने आतंकियों के सार्वजनिक बहिष्कार की योजना बनाना शुरू कर दी. यह संकेत है कि अब पीओके में भी आतंक के खिलाफ बगावत की चिंगारी सुलगने लगी है.

    "ऑपरेशन महादेव" बना कार्रवाई का प्रतीक

    ‘ऑपरेशन महादेव’ केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, बल्कि यह भारत की उस नीति की झलक है जिसमें आतंक का जवाब निर्णायक और प्रत्यक्ष तरीके से दिया जाता है. पहलगाम हमले के दोषियों को उनके अंजाम तक पहुंचाकर भारतीय सुरक्षा बलों ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि भारत किसी भी कीमत पर आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा.

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