जम्मू-कश्मीर को मिलेगा पूर्ण राज्य का दर्जा? 5 अगस्त की तारीख आते ही बढ़ी राजनीतिक हलचल

    Jammu Kashmir statehood: हर साल 5 अगस्त आते ही देश की राजनीति में हलचल तेज़ हो जाती है. एक ऐसा दिन जो अब महज़ तारीख नहीं, बल्कि बड़े फैसलों और ऐतिहासिक घटनाओं का प्रतीक बन चुका है.

    Jammu and Kashmir get full statehood as the date of 5 August approached
    Image Source: ANI/ File

    Jammu Kashmir statehood: हर साल 5 अगस्त आते ही देश की राजनीति में हलचल तेज़ हो जाती है. एक ऐसा दिन जो अब महज़ तारीख नहीं, बल्कि बड़े फैसलों और ऐतिहासिक घटनाओं का प्रतीक बन चुका है. 2019 में इसी दिन अनुच्छेद 370 हटाकर जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति समाप्त की गई थी, तो 2020 में अयोध्या में राम मंदिर की नींव रखी गई. अब जब 5 अगस्त 2025 आ चुका है, फिर से चर्चाएं तेज हैं कि क्या एक बार फिर कोई बड़ा फैसला सामने आने वाला है?

    दिल्ली की राजनीति में अचानक तेज़ हुई गतिविधियाँ, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री की कुछ ही घंटों के अंतर पर राष्ट्रपति से मुलाकात और संसद भवन में उच्च स्तरीय बैठकों की श्रृंखला ने सस्पेंस को और गहरा कर दिया है. सवाल उठ रहे हैं कि क्या जम्मू-कश्मीर को लेकर कोई बड़ा ऐलान होने वाला है? क्या पूर्ण राज्य का दर्जा लौटाने की घोषणा हो सकती है?

    1. 5 अगस्त की तारीख क्यों है खास?

    2019 में इसी तारीख को केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को हटाकर जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य के दर्जे से मुक्त किया. वहीं 2020 में अयोध्या में राम मंदिर की आधारशिला रखी गई. इन दो ऐतिहासिक फैसलों के बाद से 5 अगस्त एक प्रतीक बन चुका है, निर्णायक फैसलों का दिन. अब 2025 में, ठीक छह साल बाद, एक बार फिर चर्चाएं तेज़ हैं कि क्या इस बार भी 5 अगस्त को कुछ बड़ा होगा?

    2. पीएम और गृहमंत्री की राष्ट्रपति से मुलाकात

    रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मिले. इसे सामान्य शिष्टाचार की मुलाकात माना गया, लेकिन ठीक 4 घंटे बाद गृह मंत्री अमित शाह भी राष्ट्रपति भवन पहुंच गए. दोनों की अलग-अलग मुलाकातों ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी. कई बार ऐसा देखा गया है कि जब प्रधानमंत्री और गृहमंत्री राष्ट्रपति से क्रमशः मुलाकात करते हैं, तो उसके पीछे कोई अहम सरकारी फैसला छिपा होता है. क्या इस बार भी कुछ ऐसा ही है?

    3. संसद भवन में हाईलेवल मीटिंग 

    सोमवार को संसद भवन में गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई. इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, गृह सचिव गोविंद मोहन और खुफिया विभाग के प्रमुख तपन डेका भी शामिल हुए. सूत्रों के अनुसार, बैठक में आंतरिक सुरक्षा की समीक्षा की गई. इस तरह की बैठकों के तुरंत बाद कोई बड़ा कदम उठाया जाए, ये इतिहास में पहले भी देखा गया है. क्या इस बार भी वैसा ही कुछ होने वाला है?

    4. क्या जम्मू-कश्मीर को फिर मिलेगा पूर्ण राज्य का दर्जा?

    प्रधानमंत्री और गृहमंत्री पहले भी कई बार कह चुके हैं कि समय आने पर जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा. अब जब परिस्थितियाँ अनुकूल हैं, स्थानीय निकाय चुनाव हो चुके हैं, और अमरनाथ यात्रा भी समय से पहले रोक दी गई, तो अटकलें तेज हैं कि यह "वो समय" आ चुका है.

    5. उमर अब्दुल्ला की गुजरात यात्रा 

    31 जुलाई को जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला गुजरात दौरे पर गए. वहाँ उन्होंने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का दौरा किया और भारत की एकता के प्रतीक लौह पुरुष सरदार पटेल की प्रशंसा की. इस यात्रा को सामान्य नहीं माना जा रहा, क्योंकि केंद्र और उमर अब्दुल्ला के बीच संवाद की संभावना के संकेत भी इससे निकलते हैं.

    6. अमरनाथ यात्रा समय से पहले रोकी गई 

    इस वर्ष अमरनाथ यात्रा 9 अगस्त तक चलनी थी, लेकिन खराब मौसम का हवाला देते हुए इसे 3 अगस्त को ही रोक दिया गया. ऐसा ही कुछ 2019 में हुआ था, और उसके बाद 5 अगस्त को आया था ऐतिहासिक फैसला. क्या इस बार भी वैसा ही कुछ दोहराया जाएगा?

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