'इराक-सीरिया में हमले जायज तो हमारा कतर पर हमला भी सही...' इजरायल ने फ्रांस-ब्रिटेन को UN में फटकारा

    संयुक्त राष्ट्र महासभा में इजराइल के राजदूत डैनी डैनन ने एक जोरदार भाषण में फ्रांस, ब्रिटेन और कतर को निशाने पर लिया.

    Israel slams France and Britain at the UN over Qatar attack
    Image Source: Social Media

    न्यूयॉर्क: संयुक्त राष्ट्र महासभा में इजराइल के राजदूत डैनी डैनन ने एक जोरदार भाषण में फ्रांस, ब्रिटेन और कतर को निशाने पर लिया. उन्होंने हाल ही में कतर की राजधानी दोहा में हमास नेताओं पर किए गए इजराइली हमले का पुरजोर बचाव किया और दोहरे मापदंडों को लेकर पश्चिमी देशों की आलोचना की.

    डैनन ने कहा कि जब फ्रांस ने अफ्रीका के माली, चाड, बुर्किना फासो और मॉरिटानिया जैसे देशों में आतंकवाद के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की, या जब ब्रिटेन ने इराक और सीरिया में इस्लामिक स्टेट के ठिकानों पर हमले किए, तो अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने उसे 'आत्मरक्षा' कहा. फिर इजराइल की कार्रवाई पर सवाल क्यों उठाए जा रहे हैं?

    डैनन ने सवाल उठाया, "अगर वो हमले आतंक के खिलाफ जायज थे, तो फिर हमारा हमला भी उतना ही वैध है. आखिर हमारे नागरिकों की जान की कोई कीमत नहीं है क्या?"

    दोहा में हमास नेताओं पर हमला

    इजराइली डिप्लोमैट का बयान उस घटना के बाद आया, जब 9 सितंबर को इजराइली सेना ने कतर के दोहा शहर में एक एयर स्ट्राइक की. इस हमले में हमास के वरिष्ठ नेता खलील अल-हय्या को निशाना बनाया गया, जिन्हें 7 अक्टूबर 2023 के भीषण हमले का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है.

    डैनन ने कहा कि हमास के ये नेता कतर की जमीन पर बैठकर इजराइल के खिलाफ आतंकी हमलों की योजना बना रहे थे. "वे किसी सरकार के प्रतिनिधि नहीं थे, न ही राजनयिक. वे आतंक की फैक्ट्री चला रहे थे मासूमों की जान लेने वाले लोग थे." उन्होंने कहा.

    उन्होंने आरोप लगाया कि 7 अक्टूबर को हमास ने इजराइल में जो हमला किया था, वह पूरी तरह से सुनियोजित नरसंहार था. "उस दिन बच्चों को अगवा किया गया, महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ और निर्दोषों की हत्या की गई. यह मानवता के खिलाफ अपराध है."

    बस स्टॉप पर हमला और बंधकों की हालत

    इजराइल के राजदूत ने हाल ही में यरुशलम के रामोट जंक्शन पर हुए आतंकी हमले का भी जिक्र किया. उन्होंने बताया कि कैसे एक बस स्टॉप पर हमास आतंकियों ने गोलियां बरसाईं, जिसमें छह निर्दोष लोग मारे गए. मरने वालों में एक युवा लड़का, एक यहूदी धार्मिक नेता और एक आठ महीने की गर्भवती महिला शामिल थीं.

    डैनन ने कहा, "ये सिर्फ आंकड़े नहीं हैं ये जीवन थे, सपने थे, जो खत्म कर दिए गए. हमास ने इन हत्यारों को तुरंत हीरो घोषित कर दिया."

    उन्होंने बताया कि हमास अब भी 48 इजराइली नागरिकों को बंधक बनाकर रखे हुए है. "इन लोगों को सौदेबाज़ी का मोहरा बनाया जा रहा है. 700 से अधिक दिन बीत चुके हैं और उनके परिवार अब भी उनके लौटने का इंतजार कर रहे हैं."

    कतर पर हमास को पनाह देने का आरोप

    डैनन ने सीधे तौर पर कतर पर आरोप लगाया कि वह वर्षों से हमास के शीर्ष नेताओं को शरण देता आ रहा है. "जब ये नेता इजराइल में हमले की योजना बनाते हैं, तो वे दोहा में आराम से रहते हैं. क्या कतर की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती?" उन्होंने पूछा.

    उन्होंने कहा, "अगर कतर खुद इन आतंकियों को नहीं निकालेगा और उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करेगा, तो इजराइल खुद कदम उठाएगा."

    लादेन का उदाहरण देकर इजराइल ने दिया तर्क

    इजराइली राजदूत ने अपने बयान में 9/11 के हमलों और ओसामा बिन लादेन की हत्या का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा, "जब अमेरिका ने लादेन को पाकिस्तान में मारा, तब दुनिया ने यह नहीं पूछा कि अमेरिका ने उसे क्यों मारा, बल्कि यह सवाल किया गया कि उसे शरण क्यों दी गई थी."

    उसी संदर्भ में, डैनन ने कहा, "आज सवाल यह है कि कतर ने हमास के आतंकियों को क्यों पनाह दी, जबकि वे खुलेआम आतंक को बढ़ावा दे रहे हैं?"

    यह सिर्फ इजराइल नहीं, पूरी दुनिया की लड़ाई है

    डैनन ने संयुक्त राष्ट्र में साफ कहा कि यह संघर्ष सिर्फ इजराइल की सुरक्षा का नहीं है, बल्कि पूरी सभ्य दुनिया के मूल्यों लोकतंत्र, मानवाधिकार और न्याय की रक्षा का है.

    उन्होंने कहा, “हम तब तक पीछे नहीं हटेंगे जब तक हर बंधक सुरक्षित वापस नहीं लौटता और आतंक को दुनिया में कहीं भी शरण न मिले.”

    ये भी पढ़ें- F-35 से J-20 फाइटर जेट तक... अब 500 किलोमीटर दूर से होगा शिकार, भारत ने बनाया स्टील्थ हंटर VHF रडार