तेल अवीव: मध्य पूर्व में बढ़ते संघर्ष के बीच इज़राइली डिफेंस फोर्सेज़ (IDF) ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण सैन्य कार्रवाई में हिज़्बुल्लाह के वरिष्ठ आर्टिलरी कमांडर यासीन अब्देल मेनम एज अल-दीन को दक्षिणी लेबनान में निशाना बनाकर मार गिराया. यह कार्रवाई ईरान और इज़राइल के बीच बढ़ती तनातनी की पृष्ठभूमि में हुई है, जो क्षेत्रीय अस्थिरता को और गहराता जा रहा है.
लक्ष्यबद्ध ऑपरेशन, सीमावर्ती तनाव
IDF ने पुष्टि की कि यह हवाई हमला लेबनान के बारिश क्षेत्र में किया गया, जहां अल-दीन कथित तौर पर हिज़्बुल्लाह की आर्टिलरी क्षमताओं को पुनर्गठित करने में लगा हुआ था. उसे लिटानी सेक्टर में सक्रिय फायरिंग यूनिट्स का नेतृत्व करते हुए देखा गया था, जो इज़राइल की उत्तरी सीमाओं के लिए एक सीधा खतरा माना जा रहा था.
IDF के बयान में कहा गया, "यासीन अब्देल मेनम एज अल-दीन की गतिविधियाँ इज़राइल-लेबनान सीमा पर स्थापित समझौतों का स्पष्ट उल्लंघन थीं. इस कार्रवाई का उद्देश्य सीमांत क्षेत्रों में नागरिकों के प्रति किसी भी खतरे को समाप्त करना है."
इज़राइली सेना का यह कदम स्पष्ट संकेत है कि वह हिज़्बुल्लाह और उसके प्रायोजक ईरान द्वारा इज़राइल के खिलाफ संभावित हमलों को बहुत गंभीरता से ले रही है, और भविष्य में भी इस तरह की कार्रवाइयों की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.
वेस्ट बैंक में भी सख्ती, हमलावर का घर गिराया
एक अन्य घटनाक्रम में, IDF ने वेस्ट बैंक के ऐनाबस गांव में उस संदिग्ध हमलावर समीर हुसैन का घर ध्वस्त कर दिया, जिसने नवंबर 2024 में एरियल शहर में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी.
इस हमले में एक बस और बस स्टॉप को निशाना बनाया गया था, जिसमें चार इज़राइली सैनिकों सहित नौ लोग घायल हुए थे. समीर हुसैन का संबंध हमास से बताया गया है, जो वेस्ट बैंक और गाज़ा में सक्रिय प्रमुख आतंकवादी संगठन है.
IDF ने अपने बयान में कहा, "कानूनी अधिकारियों के समर्थन से, यह कदम ‘निवारक नीति’ के अंतर्गत उठाया गया है, ताकि आतंकवादियों को भविष्य में इस तरह की घटनाओं से रोका जा सके. चाहे हमले में जान गई हो या नहीं, ऐसा कोई भी आतंकी जिसने संगठित हिंसा की हो, उसका घर गिराया जाएगा."
बड़े संदर्भ में बढ़ता तनाव
इज़राइल और लेबनान के बीच सीमावर्ती संघर्ष नई बात नहीं है, लेकिन ईरान और इज़राइल के बीच चल रहे शत्रुतापूर्ण संबंधों ने इस मोर्चे को और संवेदनशील बना दिया है. विशेषज्ञ मानते हैं कि हिज़्बुल्लाह की गतिविधियाँ केवल लेबनान तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे ईरान की रणनीतिक नीति का विस्तार हैं, जो इज़राइल को कई मोर्चों पर उलझाए रखना चाहती है.
चिंता की बात: मोर्चों का विस्तार
यह सभी घटनाएं एक बहु-आयामी संघर्ष की ओर इशारा कर रही हैं, जिसमें इज़राइल अब न केवल रक्षा, बल्कि सक्रिय प्रिवेंटिव स्ट्राइक नीति को अपना रहा है.
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