इजरायल-ईरान युद्ध के बीच ट्रंप ने मिडिल ईस्ट में तैनात किए ये हथियार, मिलिट्री को भी उतारा; छिड़ेगा वर्ल्ड वॉर?

    वॉशिंगटन ने इजरायल द्वारा किए गए शुरुआती हमलों में अपनी किसी भी भूमिका से इनकार किया था, लेकिन अब हालात बदलते नजर आ रहे हैं.

    Israel-Iran war Trump deployed these weapons in Middle East
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    इजरायल और ईरान के बीच तनाव दिनों-दिन और अधिक खतरनाक होता जा रहा है. इस टकराव ने न सिर्फ मिडिल ईस्ट में हलचल मचा दी है, बल्कि पूरी दुनिया की नजरें अब इस क्षेत्र पर टिक गई हैं. इस बीच सबसे बड़ा सवाल यह है — क्या अमेरिका अब इस संघर्ष में सीधे कूदने वाला है?

    हालांकि, वॉशिंगटन ने इजरायल द्वारा किए गए शुरुआती हमलों में अपनी किसी भी भूमिका से इनकार किया था, लेकिन अब हालात बदलते नजर आ रहे हैं. अमेरिका ने ईरान के प्रति अपनी नीति को पहले से कहीं ज्यादा सख्त बना लिया है और मिडिल ईस्ट में अपनी सैन्य मौजूदगी को बड़े स्तर पर बढ़ा रहा है.

    अमेरिका की सैन्य तैयारियों की एक झलक:

    आधुनिक फाइटर जेट्स की भारी तैनाती

    अमेरिका ने मिडिल ईस्ट में F-16, F-22 और F-35 जैसे हाई-टेक लड़ाकू विमानों की मौजूदगी को और मजबूत किया है. खासकर F-22 और F-35 अपनी स्टेल्थ क्षमताओं के लिए मशहूर हैं, जिन्हें दुश्मन की रडार पकड़ नहीं पाती. रिपोर्ट्स के अनुसार, इन जेट्स की तैनाती की समयसीमा भी बढ़ा दी गई है.

    फ्यूल टैंकर विमानों की तैनाती

    लंबी दूरी तक चलने वाले मिशनों के लिए KC-135R Stratotankers और KC-46A Pegasus जैसे एयर टैंकर अब मिडिल ईस्ट की तरफ भेजे जा चुके हैं. ये विमानों को हवा में ही फ्यूल देकर लंबे मिशन को मुमकिन बनाते हैं. अमेरिका भले ही इसे नाटो अभ्यास बता रहा हो, पर विशेषज्ञ इसे युद्ध की पूर्व तैयारी मानते हैं.

    बमवर्षक विमानों का डिएगो गार्सिया पर जमावड़ा

    डिएगो गार्सिया जैसे रणनीतिक अड्डे पर अमेरिका ने B-2 Spirit और B-52H Stratofortress जैसे बमवर्षक तैनात कर दिए हैं. ये विमान बेहद लंबी दूरी तक मार करने और बंकर बस्टर बम गिराने में सक्षम हैं – विशेष रूप से भूमिगत परमाणु ठिकानों को नष्ट करने के लिए उपयुक्त.

    सक्रिय समुद्री युद्धपोत और विशेष जहाज

    अमेरिका की नौसेना ने बहरीन के मनामा बंदरगाह से कई युद्धपोतों को सक्रिय मोड में भेजा है, जिसमें Littoral Combat Ships, Mine-Counter Vessels और विशेष ऑपरेशन्स के लिए M/V Ocean Trader नामक जहाज भी शामिल है.

    एयरक्राफ्ट कैरियर स्ट्राइक ग्रुप्स की मौजूदगी

    USS Carl Vinson और USS Nimitz जैसे दो बड़े कैरियर ग्रुप मिडिल ईस्ट क्षेत्र में तैनात या वहां की ओर अग्रसर हैं. इनमें F-35C, Super Hornets, Growlers, Ospreys और Sea Hawks जैसे अत्याधुनिक एयरक्राफ्ट शामिल हैं.

    मिसाइल डिफेंस की फौलादी ढाल – पैट्रियट सिस्टम

    अप्रैल महीने में अमेरिका ने पैसिफिक क्षेत्र से एक पूरा पैट्रियट मिसाइल डिफेंस बैटालियन मिडिल ईस्ट भेजा. 73 C-17 कार्गो विमानों के जरिए यह सिस्टम भेजा गया, जो दुश्मन की क्रूज़ और हाइपरसोनिक मिसाइलों को मार गिराने की क्षमता रखता है.

    ‘डूम्सडे प्लेन’ की उड़ान बनी चर्चा का विषय

    अमेरिका का E-4B ‘Nightwatch’ विमान, जिसे आपातकालीन युद्ध नियंत्रण केंद्र भी कहा जाता है, हाल ही में अमेरिकी हवाई क्षेत्र में उड़ता देखा गया. यह किसी भी बड़े सैन्य अभियान की तैयारी का संकेत माना जा रहा है.

    अब आगे क्या?

    अमेरिका अभी तक सीधे इस संघर्ष में शामिल नहीं हुआ है, लेकिन जिस तरह से वह एक-एक कदम आगे बढ़ा रहा है, उससे साफ है कि वह किसी भी आपात स्थिति के लिए पूरी तरह तैयार है. यदि इजरायल और ईरान के बीच यह संघर्ष और भड़कता है, तो अमेरिका की यह रणनीतिक तैयारी उसे सीधे सैन्य हस्तक्षेप की ओर ले जा सकती है.

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